How to read Eyeglasses prescription: विजन में परेशानी (eye sight problem) आने से कुछ लोगों को दूर की चीजें ठीक से नजर नहीं आती है, तो कुछ को नजदीक की चीजें देखने में परेशानी होती है. इसके लिए डॉक्टर आंखों की जांच कर चश्मा (Chashme ka number) पहनने की सलाह देते हैं. डॉक्टर आंखों की जांच के बाद दिखाई देने में परेशानी के आधार पर पावर वाला चश्मा पहनने को कहते हैं. चश्मे का नंबर कभी माइनस में तो कभी प्लस (minus and plus power of Glasses) में होता है जिसे चश्मे का पावर (Power of Glasses) कहते हैं. यह दूर, पास या दोनों तरह की समस्या के अनुसार होता है. आइए जानते हैं दिखाई देने में परेशानी कितने तरह की होती है और उसके लिए किस तरह के लेंस की सलाह दी जाती है.
चश्मे के प्लस और माइनस नंबर क्या होते हैं, दोनों में क्या फर्क है | चश्मे में plus या minus नंबर है कैसे जाने | Difference on Plus and Minus Number | How to read Eyeglasses prescription
मायोपिया या निकट दृष्टिदोष (माइनस नंबर वाला चश्मा)
जब दूर की चीजें कम या धुंधली नजर आती है तो इस स्थिति को मायोपिया कहते हैं. इस तरह की दृष्टिदोष में नजदीक की चीजें देखने में परेशानी नहीं होती है. आईबॉल की लंबाई ज्यादा होने के कारण यह समस्या होती है. माओपिया के लक्षणों में दूर की चीजें ठीक से नजर न आना, बच्चों का टीवी बहुत करीब जाकर देखना, सिर में बार बार दर्द, आंखों का सिकोड़कर देखना शामिल है. हाई मायोपिया के कारण देखने की क्षमता पूरी तरह से समाप्त होने का खतरा होता है. इसके लिए डॉक्टर माइनस पावर का चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस पहनने की सलाह देते हैं. स्थाई इलाज के लिए लेसिक सर्जरी, आंखों के अंदर लेंस फिट करना या फोटो करेक्टिव सर्जरी की जाती है.
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हाइपरमेट्रिया या दूर दृष्टिदोष (प्लस नंबर वाला चश्मा)
अगर पास की चीजें कम या धुंधली नजर आती है तो इस स्थिति को हाइपरमेट्रिया या दूर दृष्टिदोष कहते हैं. इस स्थिति में आईबॉल का आकार छोटा हो जाता है. इसका कारण अनुवांशिकता, हाई बीपी, सिलिअरी मांसपेशियों का ठीक से काम नहीं करना हो सकता है. हाइपरमेट्रिया के लक्षणों में सिर में दर्द होना, दृष्टि का धुंधला होना, थकावट महसूस होना, आंखों पर दबाव पड़ना, बाइनोकुलर विजन होना, आंखें सिकोड़कर देखने की कोशिश करना शामिल हैं. इसके लिए डॉक्टर प्लस पावर का चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस पहनने की सलाह देते हैं. स्थाई इलाज के लिए लेसिक सर्जरी करवाई जा सकती है.
कई बार विजन में दोनों ही प्रकार के दोष पाए जाने पर डॉक्टर बायफोकल या प्रोग्रेसिव ग्लासेस पहनने की सलाह भी देते हैं. इस प्रकार के चश्मों में दोनों ही प्रकार के दृष्टि दोषों के लिए प्रयोग किए जाने वाले लेंसों का समावेश होता है.
चश्में के प्लस-माइनस नंबर कर कन्फ्यूजन भी कर लें दूर
जब आपको दूर की चीज़ें नहीं दिखतीं, तो मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) कहते हैं. इस स्थिति में माइनस नंबर वाला चश्मा लगेगा. वहीं, ठीक इसके उलट जब आपको पास की चीज़ें ठीक से नहीं दिखतीं तो प्लस नंबर वाला चश्मा लगता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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