Flu Cases: भारत के कई हिस्सों में पिछले दो महीनों में इन्फ्लूएंजा के साथ लंबी बीमारी और लगातार खांसी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कोविड-19 महामारी से दौ साल तक जूझने के बाद, फ्लू के मामलों में वृद्धि ने आम जनता के बीच एक डर पैदा कर दिया है. वहीं चिकित्सकों का कहना है कि इन्फ्लूएंजा का नया स्ट्रेन जानलेवा नहीं है. डॉ. रमेश एनडीटीवी से कहा, "यह जानलेवा नहीं है. लेकिन मेरे कुछ मरीज़ों को सांस की समस्या के कारण भर्ती होना पड़ा. कुछ लक्षण कोविड जैसे ही हैं, लेकिन मेरे सभी मरीज़ों का टेस्ट निगेटिव आया है."
फ्लू पर केंद्र की एडवाइजरी की 10 बातें
1.पिछले दो महीने में देश में फ्लू के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि यह इन्फ्लुएंजा ए सबटाइप एच3एन2 वायरस (Influenza A subtype H3N2 virus) के कारण हो रहा है.
2.मालूम हो कि H3N2 वायरस अन्य सबटाइप की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने के अधिक मामलों का कारण होता है.
3. बहुत सारे मरीज लंबे समय से बुखार के साथ लगातार खांसी की शिकायत कर रहे हैं.
4.सिद्ध अस्पताल के डॉ अनुराग मेहरोत्रा कहते हैं, "संक्रमण ठीक होने में समय ले रहा है. लक्षण स्टॉन्ग हैं. रोगी के ठीक होने के बाद भी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं."
5.H3N2 के चलते मरीज अन्य इन्फ्लूएंजा सबटाइप की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.
6.क्लीनिकल ट्रायल विशेषज्ञ डॉ. अनीता रमेश का कहना है कि इन्फ्लूएंजा का नया स्ट्रेन जानलेवा नहीं है. डॉ. रमेश एनडीटीवी से कहा, "यह जानलेवा नहीं है. लेकिन मेरे कुछ मरीज़ों को सांस की समस्या के कारण भर्ती होना पड़ा. कुछ लक्षण कोविड जैसे ही हैं, लेकिन मेरे सभी मरीज़ों का टेस्ट निगेटिव आया है."
7.ICMR ने एडवाइजरी जारी कर बताया है कि वायरस से बचने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
8.दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर में खांसी, जुकाम और मतली के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से बचने की सलाह दी है.
9.वहीं एसोसिएशन ने डॉक्टरों से फ्लू के केवल सिम्पटोमैटिक ट्रीटमेंट ( symptomatic treatment) लिखने को कहा है.
10.मेडिकल बॉडी ने एक बयान में कहा, "हमने पहले ही कोविड के दौरान एज़िथ्रोमाइसिन और इवरमेक्टिन का व्यापक उपयोग देखा है. एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि संक्रमण जीवाणु है या नहीं."
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