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दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्र का अलर्ट, राज्यों को अस्पतालों में चेस्ट क्लिनिक शुरू करने का आदेश

रिपोर्ट को जिला और दिल्ली भेजना होगा अनिवार्य है. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर संवेदनशील लोगों की पहचान और उन्हें सावधानी के उपाय बताने के निर्देश दिए गए हैं. हर जिले और शहरी स्वास्थ्य केंद्र में चेस्ट क्लिनिक बनाया जाएगा. क्लिनिक में प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की जांच, इलाज और फॉलो-अप किया जाएगा.

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्र का अलर्ट, राज्यों को अस्पतालों में चेस्ट क्लिनिक शुरू करने का आदेश
फाइल फोटो
  • केंद्र ने दिल्ली, उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर राज्यों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश जारी किए
  • सभी सरकारी अस्पतालों में चेस्ट क्लिनिक स्थापित कर प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की जांच की व्यवस्था की जाएगी
  • बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोगियों को प्रदूषण से सबसे अधिक खतरा बताया गया है
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दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश जारी किए हैं. सभी सरकारी अस्पतालों में चेस्ट क्लिनिक शुरू करने का आदेश दिया गया है. क्लिनिक में प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की जांच और इलाज का इंतजाम किया जाएगा. 

बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और अस्थमा या हृदय रोगी पर सबसे अधिक प्रदूषण का खतरा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को 33 पन्नों के दिशानिर्देश भेजे हैं. आदेश में फेफड़ों और हृदय रोगों के मामलों में बढ़ोतरी का किया जिक्र किया गया है. प्रत्येक अस्पताल में मरीजों की प्रतिदिन रिपोर्टिंग की जाएगी. 

रिपोर्ट को जिला और दिल्ली भेजना होगा अनिवार्य है. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर संवेदनशील लोगों की पहचान और उन्हें सावधानी के उपाय बताने के निर्देश दिए गए हैं. हर जिले और शहरी स्वास्थ्य केंद्र में चेस्ट क्लिनिक बनाया जाएगा. क्लिनिक में प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की जांच, इलाज और फॉलो-अप किया जाएगा.

मरीजों की नियमित निगरानी और जोखिम आकलन भी किया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव की तरफ से ये आदेश जारी किया गया है. राज्यों को निर्देश दिया गया है कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव करें. सामग्री ढक कर रखें, मजदूरों को मास्क और किट उपलब्ध कराएं.

निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है. प्रदूषण बढ़ने पर कक्षा 5 तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की सलाह दी गई है. केंद्र ने कहा कि सभी राज्यों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का कड़ाई से पालन हो.

राज्य और जिला स्तर पर टास्क फोर्स तुरंत सक्रिय करने को कहा गया है. वायु प्रदूषण केवल सांस की नहीं, बल्कि दिल, दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर भी असर डालता है. लंबे समय तक प्रदूषण से फेफड़ों का कैंसर और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

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