
Gut health: Diarrhea, bloating, gas and constipation can be the signs of an unhealthy gut
खास बातें
- आपकी आंत शरीर के कई कार्यों के लिए जिम्मेदार है.
- प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते है.
- आइए जानते हैं प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के सोर्स के बारे में.
पिछले एक साल में लोगों के अपने स्वास्थ्य पर अतिरिक्त ध्यान देने के कारण, डाइट में एक बड़ा बदलाव आया है. ज्यादा से ज्यादा से लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ खाने की आदतों पर स्विच कर रहे हैं. ऐसे खाद्य पदार्थों को चुनना बेहद जरूरी है जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं, पाचन को आसान बनाते हैं और हेल्दी बीएमआई बनाए रखते हैं. एक अच्छी तरह से संतुलित आहार सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों को रोकने में कारगर साबित हुआ है. हालांकि, कई लोग ऐसे भी है जो एक हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट को मेंटेन करने में विफल रहे हैं.
एक स्वस्थ आंत को मेंटेन रखना बेहद जरूरी है. आपकी आंत शरीर के कई कार्यों के लिए जिम्मेदार है. पाचन से लेकर इम्यूनिटी तक, आंत आपके पूरे स्वास्थ्य से कई तरह से जुड़ा हुआ है. एक स्वस्थ आहार स्वस्थ आंत को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है. प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स, विशेष रूप से आंत को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यहां आपको इनके बारे में जानने की जरूरत है.

प्रोबायोटिक्स
ये कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करआपको फायदा पहुंचाते हैं. प्रोबायोटिक बैक्टीरिया फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के लिए जाने जाते हैं.
प्रीबायोटिक्स
प्रीबायोटिक्स विभिन्न प्रकार के कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त पदार्थ होते हैं, अधिकतर फाइबर जिन्हें आप पचा नहीं सकते हैं. आंत में फायदेमंद बैक्टीरिया इस फाइबर को खाते हैं. इस प्रकार के फाइबर बैक्टीरिया को पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो हेल्दी डाइजेशन और इम्यून फंक्शन को सपोर्ट करते हैं.

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प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के सोर्स
दोनों को संतुलित मात्रा में खाने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आंत में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का सही संतुलन है.लेकिन सबसे अच्छा प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक कॉम्बिनेशन ढूंढना मुश्किल है, क्योंकि हर किसी का माइक्रोबायोम अलग है, विशेष रूप से किसी व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोई सर्वश्रेष्ठ प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक नहीं है. यह रहे कुछ प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक फूड्स-
प्रीबायोटिक फूड्स
नेचुरल फूड्स में प्रीबायोटिक्स पाए जा सकते हैं जैसे-
जई, जौ, अलसी, सेब, केला, जामुन, शतावरी, लहसुन, प्याज, लीक और कोको
प्रोबायोटिक फूड्स
फर्मेंटेड फूड्स में लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं जो भोजन में स्वाभाविक रूप से होने वाली चीनी या फाइबर पर पनपते हैं. उदाहरण के लिए: दही, बिना पाश्चुरीकृत मसालेदार सब्जियां, विभिन्न प्रकार के बिना पाश्चुरीकृत अचार, छाछ, किमची और कुछ प्रकार के पनीर

प्रीबायोटिक्स कैसे लें?
एक सप्ताह में पौधों के खाद्य पदार्थों (विभिन्न रंगों के) से प्रतिदिन लगभग 30 ग्राम फाइबर का उपभोग करने का प्रयास करना चाहिए. पौधे सबसे अच्छे प्रीबायोटिक्स हैं क्योंकि उनमें फाइटोकेमिकल्स और विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व शरीर के लिए जरूरी होते हैं.
अगर आप प्रीबायोटिक सप्लीमेंट लेने पर विचार कर रहे हैं, तो पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें
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(शिखा ए शर्मा एक न्यूट्रिशनिस्ट और फैट टू स्लिम की फाउंडर हैं.)
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