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Actor Jasmine Bhasin को रैम्प वॉक करते हुए अचानक दिखना हुआ बंद, क्या है Corneal Damage, कैसे लेंस का इस्तेमाल है नुकसानदायक

Actor Jasmine Bhasin Suffers Corneal Damage: जैस्मिन की तरह अगर आप भी कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं. लेंस सही तरह से इस्तेमाल नहीं करने पर आप भी कॉर्नियल अल्सर के शिकार हो सकते हैं.

Actor Jasmine Bhasin को रैम्प वॉक करते हुए अचानक दिखना हुआ बंद, क्या है Corneal Damage, कैसे लेंस का इस्तेमाल है नुकसानदायक

Actor Jasmine Bhasin Suffers Corneal Damage: हाल ही में दिल्ली में एक इवेंट में शामिल होने आई टीवी एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन (Actor Jasmine Bhasin) के आंखों में बड़ी समस्या हो गई. इवेंट के लिए तैयार हो रही एक्ट्रेस ने जब आंखों पर लेंस (Corneal Damage) लगाया तो दर्द होने (Eye Pain) लगा. ये दर्द धीरे-धीरे बढ़ता गया और आंखें इतनी लाल हो गई की जैस्मिन (Jasmine Bhasin) को धूप वाला चश्मा पहन कर इवेंट में शामिल होना पड़ा. एक्ट्रेस ने बताया कि कुछ समय के लिए उन्हें सब कुछ दिखना भी बंद हो गया था. दरअसल, कॉन्टैक्ट लेंस की वजह से एक्ट्रेस को कॉर्नियल अल्सर (Corneal Ulcer) हो गया है. जैस्मिन की तरह अगर आप भी कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं. लेंस सही तरह से इस्तेमाल नहीं करने पर आप भी कॉर्नियल अल्सर के शिकार हो सकते हैं.

कॉन्टैक्ट लेंस की वजह से कैसे होता है कॉर्नियल अल्सर? (How are corneal ulcers caused by contact lenses?)

कॉर्निया अल्सर आंखों के बाहरी हिस्से (कॉर्निया) पर घाव की तरह होता है जो ज्यादातर इंफेक्शन की वजह से होता है. कॉर्निया में कोई भी रक्त वाहिका नहीं होने की वजह से यह आसपास से ऑक्सीजन लेता है. वहीं बहुत देर तक लेंस लगाए रखने पर कॉर्निया को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. कॉर्नियल अल्सर होने के सबसे प्रमुख कारणों में से एक इंफेक्शन है.

इन वजहों से बढ़ जाता है कॉर्नियल अल्सर का खतरा (Reasons which increases the risk of corneal ulcer)

1. इंफेक्शन - कॉर्नियल अल्सर की सबसे बड़ी वजहों में से एक है इंफेक्शन. बैक्टीरियल, फंगल या वायरल इंफेक्शन की वजह से कोई भी व्यक्ति कॉर्नियल अल्सर का शिकार हो सकता है.

2. केमिकल -  इस्तेमाल के दौरान ज्यादा केमिकल युक्त ब्यूटी प्रोडक्ट्स आंखों में चले जाने पर भी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो सकता है. केमिकल के कॉन्टैक्ट में आने पर कॉर्निया में जलन महसूस हो सकता है.

3. चोट -  चोट या खरोंच की वजह से भी कॉर्निया में घाव हो सकता है.

4. इम्यून कंडीशन - कई बार कमजोर इम्यूनिटी के चलते भी आंखों में सूजन हो जाता है और धीरे-धीरे कॉर्नियल टीशु क्षतिग्रस्त होने के बाद अल्सर का रूप ले लेता है.

कॉर्नियल अल्सर से बचने के उपाय (Ways to prevent corneal ulcers)


कॉर्नियल अल्सर को डेवलप होने से 100 प्रतिशत रोका जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा.

1. कॉन्टैक्ट लेंस पहन कर न सोएं.
2. डॉक्टर के बताए गए समय सीमा से ज्यादा देर तक कॉन्टैक्ट लेंस नहीं पहनना चाहिए.
3. अपने हाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करते रहें.
4. आंखों को किसी भी तरह के चोट या खरोंच से बचाएं.
5. अपने कॉन्टैक्ट लेंस के केस को समय-समय पर बदलते रहें क्योंकि पुराने केस में बैक्टीरिया पनप सकते हैं.
6. मेकअप लगाने से पहले ही कॉन्टैक्ट लेंस पहनें और मेकअप हटाने के बाद कॉन्टैक्ट लेंस निकालें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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