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This Article is From Nov 22, 2022

सर्दी में इम्युनिटी स्ट्रांग करने के अलावा बहुत से फायदे पहुंचाते हैं ये मसाले

सर्दी लगभग आ चुकी हैं और हर एक दिन के साथ तापमान और नीचे गिरने लगेगा. इस बदलते मौसम के दौरान गर्म कपड़े पहनकर बाहरी वातावरण से तो अपनी सुरक्षा कर सकते हैं लेकिन, इस बदलते मौसम में आपको अंदर से भी स्ट्रांग रहने की जरूरत होती है.

सर्दी में इम्युनिटी स्ट्रांग करने के अलावा बहुत से फायदे पहुंचाते हैं ये मसाले
बदलते मौसम में आपको अंदर से भी स्ट्रांग रहने की जरूरत होती है.

सर्दी लगभग आ चुकी हैं और हर एक दिन के साथ तापमान और नीचे गिरने लगेगा. इस बदलते मौसम के दौरान गर्म कपड़े पहनकर बाहरी वातावरण से तो अपनी सुरक्षा कर सकते हैं लेकिन, इस बदलते मौसम में आपको अंदर से भी स्ट्रांग रहने की जरूरत होती है. मौसम में बदलाव होने के चलते सर्दी, जुकाम और फ्लू जैसे अनेक संक्रमणों का हमें सामना करना पड़ता है. अगर आपको याद हो तो सर्दियां शुरू होते ही हमारी दादी-नानी और मां हल्दी वाला दूध, काढ़ा और अन्य पेय बनाकर देती हैं जिससे हमारी इम्युनिटी ऐसे संक्रमणों के प्रति लड़ने के लिए मजबूत बन सकें और हमारे शरीर को भीतर से गरमाहट मिल सकें. हमारी किचन में ऐसे बहुत से साबुत मसाले होते है जो हमें इस दौरान बहुत फायदा पहुंचा सकते हैं, हमारी इम्युनिटी को स्ट्रांग करने के लिए अलावा तो कुछ मसाले वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं. यहां हमने मसालों की एक लिस्ट तैयार की जिनके के सेवन से इस सर्दी के मौसम में आपको बहुत लाभ मिल सकता है.

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सर्दी में इन पांच साबुत मसालों का इस्तेमाल करें :

कालीमिर्च

कालीमिर्च का इस्तेमाल बहुत से व्यंजनों में साबुत या पाउडर दोनों रूप में किया जा सकता है. इसे कई औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. सर्दियों के मौसम में काली मिर्च को डाइट में शामिल करने से काफी फायदा मिल सकता है. भारतीय घरों में अक्सर काढ़ा बनाते वक्त कालीमिर्च डाली जाती है. कालीमिर्च में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण सर्दी, जुकाम, खांसी और गले में खराश की समस्या से निजात दिला सकते है. आप इसका इस्तेमाल काढ़े के अलावा इसकी चाय बनाकर भी कर सकते हैं. कालीमिर्च की चाय के लिए यहां क्लिक करें.

लौंग

लौंग मसाले के डिब्बे में पाया जाने वाला एक और बढ़िया साबुत मसाला है. वैसे तो लौंग ज्यादातर दांतों और मसूड़ों से संबंधित परेशानी में राहत दिलाने के लिए जानी जाती है, लेकिन इसके अलावा भी आपको इस मसाले का सेवन करना चाहिए. लौंग को एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में जाना जाता है जो कड़ाके की सर्दियों से होने जोड़ों की अकड़न, सर्दी, खांसी और बुखार में भी मददगार है. लौंग को प्रभावी कफ निस्सारक भी माना जाता है, जिसका मतलब यह है कि वे गले में बलगम को ढीला करने में मदद करते हैं और खांसी के साथ बाहर निकालने में मदद करती है.

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इलायची

इलाइची दो तरह की होती है हरी और काली, इन्हें हम छोटी और बड़ी इलाइची भी कहते है. ये दोनों ही इम्युनिटी को बढ़ाने में बहुत प्रभावी हैं, लेकिन बैंगलोर स्थित नूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजू सूद के मुताबिक, बड़ी इलायची को खासतौर पर सर्दी और खांसी और कुछ श्वसन समस्याओं को दूर करने के लिए जाना जाता है. आप चाय में बड़ी इलायची डाल सकते हैं, इन्हें कच्चा चबा सकते हैं, या बाजार में उपलब्ध इलायची के तेल का उपयोग कर सकते हैं. आपको गर्म और इम्युनिटी को बनाएं रखने के अलावा, इलायची का तेल आपको कोमल त्वचा देने के लिए भी अच्छा है.

सौंफ

आमतौर पर सौंफ का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एक माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है. इसे पाचन में भी सहायक माना जाता है, इसी के साथ यह वजन घटाने में भी मददगार है और शायद तभी लोग सौंफ की चाय का सेवन करना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं सौंफ के दाने कई तरह के एंटी-इंफ्लेमेटरी वाष्पशील तेलों और एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं जो सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं. डीके पब्लिशिंग हाउस की किताब 'हीलिंग फूड्स' के मुताबिक सौंफ के बीजों के रस से बने सिरप का इस्तेमाल परंपरागत रूप से बलगम को पतला करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा यह विटामिन सी का भी एक अच्छा स्रोत हैं, जो फ्री रेडिकल की गतिविधि से लड़ता है और मौसमी संक्रमणों के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ाता है. सौंफ के बीज और उनके फाइटोन्यूट्रिएंट्स साइनस और चेस्ट कंजेशन को साफ करने में प्रभावी होते हैं.

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हल्दी

जब मसालों की बात हो रही है तो हल्दी को कैसे भूला जा सकता है. हम सभी जानते हैं कि प्राचीन काल से बहुत सी चीजों के उपचार के लिए हल्दी का उपयोग होता रहा है. हल्दी एक एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाला है जो सर्दी और खांसी से लड़ने में मदद करता है, खासतौर पर यह सूखी के लिए प्रभावी है. शायद यही वजह है कि भारत में बढ़ती ठंड में फ्लू के घरेलू उपचार और शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत के लिए लोग हल्दी दूध पीना पसंद करते हैं.

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डिस्केलेमर: सलाह सहित यह सामग्री सिर्फ सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी की जिम्मेदारी नहीं लेता है.

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