Sarson Ka Saag: सर्दियों का मौसम आते ही रसोई में एक खुशबू महकने लगती है, सरसों के साग की. पंजाब से लेकर उत्तर भारत के हर घर तक गर्मागर्म सरसों का साग और मक्के की रोटी न सिर्फ स्वाद का त्योहार है, बल्कि सेहत के लिए एक ऐसा वरदान है जिसकी तुलना मुश्किल है. बहुत से लोग इसे सिर्फ एक मौसमी सब्जी मानते हैं, जबकि सच यह है कि सरसों का साग एक ऐसी सुपरफूड श्रेणी का हिस्सा है जिसमें विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स इतनी मात्रा में होते हैं कि शरीर की कई बड़ी से बड़ी समस्याओं में अद्भुत राहत मिल सकती है.
खास बात यह है कि यह सब्जी खासकर महिलाओं के लिए किसी प्राकृतिक औषधि से कम नहीं. चाहे कमजोरी हो, खून की कमी, हार्मोनल असंतुलन, वजन और हड्डियों की समस्या, सरसों का साग इन सभी पर कई लेवल पर काम करता है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि सरसों का साग किन बीमारियों में लाभ पहुंचाता है, इसके पीछे क्या विज्ञान है और क्या इसे रोज खाया जा सकता है?
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सरसों का साग क्यों खाना चाहिए? | Why Should Mustard Greens Be Eaten?
सर्दियां वैसे भी संक्रमण, सर्दी-जुकाम, जोड़ों के दर्द और पाचन समस्या का मौसम होती हैं. ऐसे में ऊर्जा देने वाला, खून बढ़ाने वाला और रोगों से लड़ने की ताकत देने वाला भोजन शरीर को सुरक्षित रखता है. सरसों के साग में मौजूद विटामिन A, C, K, आयरन, फोलेट, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में कई लेवल पर चमत्कारिक काम करते हैं.
सरसों का साग खाने से कौन-कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं? | Benefits of Mustard Green (Sarso Ka Saag Khane Ke Fayde)
1. खून की कमी (एनीमिया) में बेहद लाभकारी
सरसों के साग में पाया जाने वाला आयरन और फोलेट कॉम्बिनेशन खून बढ़ाने के लिए सोने पर सुहागा है. खासकर गर्भवती महिलाओं और जो बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करती हैं उनके लिए यह एंटी-एनीमिक फूड है. नियमित सेवन से ब्लड हीमोग्लोबिन लेवल में सुधार होता है.
2. आंखों की रोशनी और ड्राईनेस में राहत
सरसों का साग बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए का शानदार स्रोत है. आंखों में सूखापन, कम रोशनी में धुंधला दिखना, बार-बार आंखों में जलन, इन सभी में यह पोषण की कमी को दूर करता है.
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3. हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस में फायदेमंद
इस साग में विटामिन K, कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर होते हैं. यह हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है, बोन लॉस से बचाता है, सांधे दर्द और घुटने की जकड़न में राहत देता है. इसी वजह से महिलाओं के लिए यह एक सुपरफूड माना जाता है.
4. पाचन संबंधी दिक्कतों में सुधार
सरसों का साग फाइबर से भरपूर है. इससे कब्ज में राहत, गैस और एसिडिटी कम, आंतों की सफाई, मेटाबोलिज्म तेज होता है. पाचन तंत्र को यह अद्भुत रूप से दुरुस्त करता है.

5. सर्दी-जुकाम और संक्रमण में तेजी से राहत
सरसों की पत्तियों में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और सल्फर-कम्पाउंड होते हैं जो संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं. यह सर्दियों में होने वाले छींक, नाक बंद थकान, गले की खराश में नेचुरल तरीके से मदद करता है.
6. कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों में सुरक्षा
सरसों का साग शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है. हार्ट वेसल्स की सफाई, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, इससे दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है.
7. शुगर कंट्रोल में मददगार
सरसों के साग में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं. यह अचानक बढ़ी हुई ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और डायबिटीज वालों के लिए सुरक्षित माना जाता है.
8. स्किन और हेयर हेल्थ में सुधार
विटामिन A और C स्किन टिश्यू रिपेयर करते हैं. झुर्रियां कम, स्किन ग्लो बढ़े, बाल मजबूत, रूसी कम यह एक ब्यूटी-बूस्टिंग फूड भी है.
महिलाओं के लिए सरसों का साग क्यों वरदान है? | Why is Mustard Greens a Boon For Women?
यह सवाल बहुत जरूरी है, क्योंकि महिलाओं के शरीर में कई पोषक तत्व जल्दी कम हो जाते हैं. सरसों का साग इन कमियों को तेजी से पूरा करता है.
1. आयरन और फोलेट, खून की कमी दूर करता है: मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं में एनीमिया आम है. सरसों इसका प्राकृतिक समाधान है.
2. हड्डियों को मजबूत बनाता है: 35 की उम्र के बाद महिलाओं की हड्डियों में कमजोरी तेजी से बढ़ती है. सरसों के साग में मौजूद विटामिन K और कैल्शियम इससे बचाते हैं.
3. हार्मोनल बैलेंस में मदद: सरसों का साग शरीर की सूजन (इन्फ्लेमेशन) कम करता है, जो हार्मोनल असंतुलन का बड़ा कारण होती है.
4. थकान और कमजोरी दूर करता है: विटामिन B-कॉम्प्लेक्स और आयरन महिलाओं की एनर्जी में तुरंत सुधार लाते हैं.
5. प्रेग्नेंसी में भी सुरक्षित: फोलेट और आयरन भ्रूण के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं.
सरसों का साग किसे नहीं खाना चाहिए? | Who Should Not Eat Mustard Greens?
सरसों का साग पथरी की समस्या है में नहीं खाना चाहिए. इससे पथरी में होने वाला दर्द और भी ज्यादा बढ़ सकता है. इसके साथ ही अगर आप एसिडिटी और गैस की समस्या से परेशान रहते हैं, तो आपको इसके सेवन से परहेज करना चाहिए.
क्या रोज खा सकते हैं सरसों का साग? | Can We Eat Mustard Greens Every Day?
हां, सरसों के साग को रोज खाया जा सकता है क्योंकि यह फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर है, शरीर में टॉक्सिन दूर करता है, कोई भारी या नुकसानदायक सब्जी नहीं है. लेकिन, रोजाना बहुत अधिक मात्रा में न खाएँ
क्योंकि सरसों में गोइट्रोजेनिक तत्व होते हैं जो थायरॉइड मरीजों को ज्यादा मात्रा में नुकसान कर सकते हैं. थायरॉइड वाले इसे हफ्ते में 2–3 बार, अच्छी तरह पकाकर, कम मात्रा में खाएं.
सरसों के साग को सही तरीके से खाने के तरीके | Right Way to Eat Mustard Greens
- इसे हमेशा अच्छी तरह पकाकर खाएं.
- हल्का घी ऊपर डालने से इसके पोषक तत्व बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं.
- मक्के की रोटी बेलते समय थोड़ा अजवाइन मिलाकर खाएं, पाचन और भी बेहतर होता है.
- नींबू रस डालना विटामिन C बढ़ाता है, आयरन का अवशोषण भी बढ़ता है
सरसों का साग सिर्फ स्वाद या परंपरा नहीं है. यह सर्दियों में मिलने वाला एक ऐसा प्राकृतिक औषधीय भोजन है जो खून बढ़ाने से लेकर हड्डियों को मजबूत करने, आंखों की रोशनी सुधारने, दिल को सुरक्षित रखने और संक्रमण से बचाने तक हर तरह से शरीर को मजबूत बनाता है. महिलाओं के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि उनकी आम पोषण-कमी, आयरन, कैल्शियम, फोलेट, विटामिन A और C सब इसमें भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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