- स्कैमर ने आईएएस अधिकारी के नाम से फेसबुक पर धोखाधड़ी के लिए महंगे उपकरण की छूट का झूठा दावा किया था.
- जब स्कैमर ने भुगतान के लिए क्यूआर कोड भेजा तो व्यक्ति ने तकनीकी समस्या बताकर चैटजीपीटी से ट्रैकर पेज भेजा.
- स्कैमर की लोकेशन और तस्वीर मिलने पर उसने माफी मांगी और धोखाधड़ी बंद करने का वादा किया.
दिल्ली के एक व्यक्ति ने चैटजीपीटी का इस्तेमाल करके एक स्कैमर को न सिर्फ रुला दिया बल्कि उसे माफी मांगने पर भी मजबूर कर दिया. इस शख्स ने स्कैमर की लोकेशन और उसके चेहरे की तस्वीर भी खींच ली. इसके बाद स्कैमर को भी ये सारी जानकारी दे दी, फिर क्या था स्कैमर लगा गिड़गिड़ाने...माफी मांगने. दिल्ली के शख्स ने रेडिट पर एक पोस्ट में इस नाटकीय घटना को साझा किया है, जो अब वायरल हो गया है.
मामला क्या है
घटना तब शुरू हुई जब दिल्ली के इस शख्स को फेसबुक पर एक मैसेज मिला. यह मैसेज उनके कॉलेज के सीनियर और अभी आईएएस अधिकारी के नाम पर था. स्कैमर ने संदेश में दावा किया था कि उसके एक दोस्त (सीआरपीएफ अधिकारी) का तबादला हो रहा है और वह महंगे उपकरण और फर्नीचर भारी छूट पर बेच रहे हैं. दिल्ली वाले शख्स को इस मैसेज पर शक हुआ, क्योंकि उनके असली सीनियर के पास पहले से ही उनका सीधा फोन नंबर था. असली सीनियर से यह कंफर्म होने के बाद कि यह एक धोखाधड़ी है, उसने घोटालेबाज के काम का पर्दाफाश करने के लिए उसका साथ देने का फैसला किया.
जाल में फंसा स्कैमर
जब स्कैमर ने सेना की प्रोफाइल तस्वीर वाले एक अलग नंबर से भुगतान की मांग करते हुए एक क्यूआर कोड भेजा, तो दिल्ली के उस व्यक्ति ने स्कैन करने में तकनीकी समस्या होने का बहाना बनाकर काम रोक दिया. फिर उसने चैटजीपीटी का इस्तेमाल करके एक सरल लेकिन फंक्शनल वेबपेज बनाया, जो यूजर्स की जीपीएस लोकेशन कैप्चर करने और उनके डिवाइस के फ्रंट कैमरे से तस्वीर लेने के लिए डिजाइन किया गया था. उसने ट्रैकर पेज होस्ट किया और स्कैमर को लिंक भेजा, यह कहते हुए कि क्यूआर कोड को वहां अपलोड करने से "भुगतान प्रोसेस में तेजी आएगी."
लालच और जल्दबाजी में, धोखेबाज़ ने लिंक पर क्लिक कर दिया. वेबपेज पर तुरंत उसके सटीक जीपीएस लोकेशन, आईपी एड्रेस और उसके चेहरे की एक स्पष्ट तस्वीर आ गई.
Used ChatGPT to locate a scammer and made him beg me
byu/RailfanHS indelhi
और माफी मांगने लगा
फिर दिल्ली वाले शख्स ने धोखेबाज को उसकी तस्वीर और लोकेशन की जानकारी भेज दी. इससे धोखेबाज घबरा गया और तुरंत ही कई मैसेज भेजकर माफी मांगने लगा, और अपनी धोखाधड़ी बंद करने का वादा करने लगा. उस व्यक्ति ने बातचीत के स्क्रीनशॉट और स्कैमर की अपील को रेडिट पर "एक स्कैमर का पता लगाने के लिए ChatGPT का इस्तेमाल किया और उसे मुझसे भीख मांगने पर मजबूर किया" शीर्षक से साझा किया है. यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और इंटरनेट पर घोटालों की रोकथाम के लिए एआई के इस्तेमाल की उनकी चतुराई की सराहना की गई.
वायरल स्टोरी पर तरीफ के साथ चिंता
एक यूज़र ने लिखा, "बहुत-बहुत सम्मान. मैं इसका इस्तेमाल करने जा रहा हूं. इसे ओपन सोर्स बनाइए. इसे कहीं होस्ट कीजिए, ताकि हम भी ऐसा कर सकें." एक अन्य ने टिप्पणी की, "एआई का सही कारणों से इस्तेमाल किया गया. शाबाश!" एक तीसरे ने कहा, "मुझे लगता है कि चैटजीपीटी से कोड लिखने के लिए कहने से कहीं ज़्यादा कुछ है. हो सकता है कि आपकी तरह का आईटी बैकग्राउंड वाला कोई व्यक्ति इसे संभाल सके. चैटजीपीटी के रचनाकारों ने शायद इसकी क्षमताओं पर सीमाएं लागू की होंगी. इन प्रतिबंधों के बिना, किसी के लिए किसी गैर-आईटी व्यक्ति को धोखा देकर उससे जियोलोकेशन या फ्रंट कैमरे तक पहुंच जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल करना बहुत आसान हो जाएगा."
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