Singhara Khane Ke Nuksan, Who Should Avoid Water Chestnut: सिंघाड़ा, जिसे अंग्रेजी में वॉटर चेस्टनट (Water Chestnut) कहते हैं, एशिया के कई व्यंजनों का एक अहम हिस्सा है. इसकी कुरकुरी बनावट और हल्के मीठे स्वाद के के चलते इसे बहुत पसंद किया जाता है. सिंघाड़े को आप स्टिर-फ्राई, करी, सलाद और कई चीज़ों में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें फ़ाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व भी खूब होते हैं. मगर, क्या आप जानते हैं कि हर कोई सिंघाड़ा नहीं खा सकता है?
Singhara Side effects: कुछ लोगों को इसे खाते समय सावधान रहना चाहिए. खासकर डायबिटीज़, किडनी, पेट की समस्याओं, एलर्जी से पीड़ित लोगों और खून पतला करने वाली दवाइयां (Blood Thinners) ले रहे मरीज़ों को. अगर आप इन बातों पर ध्यान नहीं देंगे, तो ब्लड शुगर बढ़ने, पेट खराब होने या एलर्जी जैसी परेशानियां हो सकती हैं.
Who Should Avoid Water Chestnut: अपनी सेहत का ख़्याल रखना ज़रूरी है. अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो सिंघाड़ा खाने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. इस तरह, आप सुरक्षित तरीके से इस मज़ेदार और पौष्टिक चीज़ का मज़ा ले पाएंगे.
सिंघाड़ा खाने के नुकसान, सिंघाड़ा किसे नहीं खाना चाहिए, वॉटर चेस्टनट के नुकसान | Water Chestnut Risks | Singhara Side effects | Who Should Avoid Water Chestnut
सिंघाड़ा (Water Chestnut) क्या होता है? | Singhara Kya Hota Hai
सिंघाड़ा नाम सुनकर भले ही यह 'नट' लगे, पर असल में यह एक पानी में उगने वाली सब्ज़ी है. इसका वैज्ञानिक नाम Eleocharis dulcis है. यह दलदली जगहों, उथली झीलों, तालाबों और धान के खेतों में उगता है. यह दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और भारत-प्रशांत महासागर के द्वीपों का मूल निवासी है. जब इसके कंद (गांठें या corms) गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं, तब इसे काटा जाता है.
- पोषण से भरपूर: सिंघाड़ा फ़ाइबर से भरा होता है और इसमें कैलोरी भी कम होती है. यह आपके खाने में एक क्रंची स्वाद जोड़ता है और इसलिए इसे सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
- कैसे खाएं: इसके कुरकुरे सफ़ेद गूदे को कच्चा या पकाकर खाया जाता है. यह स्टिर-फ्राई, करी और सलाद में खूब इस्तेमाल होता है.
- ज़रूरी अंतर: ध्यान दें, सिंघाड़ा, पानी फल (*Trapa natans*) से अलग है. पानी फल का आकार चमगादड़ या भैंस के सींग जैसा होता है और इसका स्वाद आलू या रतालू जैसा लगता है.

इन लोगों को सिंघाड़ा खाते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए
1. एलर्जी वाले लोग (Allergy Sufferers)
वैसे तो सिंघाड़ा सुरक्षित माना जाता है, पर कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में हल्की खुजली, त्वचा पर रैशेज से लेकर साँस लेने में तकलीफ़ (anaphylaxis) जैसी गंभीर प्रतिक्रियाएं शामिल हो सकती हैं. अगर आपको पहले कभी किसी खाने से एलर्जी हुई है, तो इसे खाने से पहले डॉक्टर से बात ज़रूर करें.
2. डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए (For Diabetics)
सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट होता है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) काफी ज़्यादा होता है. इसका मतलब है कि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को तेज़ी से बढ़ा सकता है. अगर आपको डायबिटीज़ या इंसुलिन रेजिस्टेंस है, तो आपको कम मात्रा में ही सिंघाड़ा खाना चाहिए.कोशिश करें कि इसे कम-GI वाले खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाएं, ताकि आपका ग्लूकोज लेवल स्थिर रहे.
3. किडनी या दिल की समस्या वाले लोग (Kidney or Heart Patients)
डिब्बाबंद (Canned) सिंघाड़े में अक्सर ज़्यादा नमक (सोडियम) मिलाया जाता है. अगर आपको किडनी की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) या दिल की बीमारी है, तो ज़्यादा सोडियम से शरीर में पानी रुक सकता है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.
सलाह: हमेशा ताज़ा सिंघाड़ा खाएं या फिर कम सोडियम वाले डिब्बाबंद विकल्प चुनें. डिब्बे के लेबल को ध्यान से पढ़कर ही खरीदें.

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4. संवेदनशील पेट वाले लोग (Sensitive Stomachs)
सिंघाड़े में फ़ाइबर होता है, जो पेट के लिए अच्छा है, लेकिन कुछ लोगों को इससे पेट की दिक्कतें हो सकती हैं. संवेदनशील पेट, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या पेट की अन्य समस्याओं वाले लोगों को गैस, पेट फूलना (Bloating) या हल्का पेट दर्द महसूस हो सकता है.
सलाह: इसे कम मात्रा में खाना शुरू करें और देखें कि आपका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है. अगर ज़्यादा समस्या हो तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (पेट के डॉक्टर) से सलाह लें.
5. खून पतला करने वाली दवा लेने वाले लोग (On Blood Thinners)
सिंघाड़े में विटामिन K की अच्छी मात्रा होती है, जो खून के थक्के जमने के लिए बहुत ज़रूरी है. अगर आप खून को पतला करने वाली दवाइयाँ (Anticoagulants) ले रहे हैं, तो विटामिन K का संतुलित सेवन बनाए रखना ज़रूरी है, ताकि आपकी दवा का असर कम न हो.
सलाह: अपनी डाइट में सिंघाड़ा शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या हेल्थकेयर प्रोवाइडर से ज़रूर बात करें.
सिंघाड़ा (Singhara) सुरक्षित रूप से कैसे खाएं
सिंघाड़ा आपके खाने का एक स्वादिष्ट और पौष्टिक हिस्सा बन सकता है, बशर्ते आप कुछ बातों का ध्यान रखें:
अपनी सेहत पर ध्यान दें: अपनी मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे डायबिटीज़ या एलर्जी) को ध्यान में रखकर ही इसे खाएं.
मात्रा नियंत्रित करें: इसे हमेशा सीमित मात्रा में खाएं, खासकर अगर आपका पेट संवेदनशील है या आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं.
पेशेवर सलाह लें: अगर आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो खाने से पहले डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह ज़रूर लें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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