Karwa Chauth 2023: हिन्दू धर्म में करवा चौथ बड़े व्रत-त्योहारों में से एक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत का बहुत अधिक महत्व है. करवा चौथ का एक विशेष महत्व है. यह पति-पत्नी के रिश्ते को बेहतर बनाने और एक दूसरे के लिए उनके महत्व को समझने का मौका भी माना जा सकता है. पति की लंबी आयु के लिए सोलह श्रृंगार कर चंद्रदेव और करवे की पूजा करती हैं. अब सवाल यह उठता है कि करवा चौथ कब मनाते हैं. तो जैसा कि आप नाम से समझ सकते हैं ये चौथ के दिन मनाया जाता है. करवा चौथ हर साल कार्तिक माह (Kartik Maheena) के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी तिथि (Chaturthi Tithi) को मनाया जाता है.
Indian Festivals in 2023: भारत त्योहारों का देश है. पूरे साल हम त्योहारों से सजे महीनों को सेलेब्रेट करते हैं. इसी दिशा में सितंबर महीने के बाद आने वाले महीने बेहद खास होते हैं. क्योंकि इसके बाद ही दिवाली, तीज, भाई दूज, करवा चौथ, धनतेरस जैसे बड़े बड़े त्योहार आते हैं. सिंतबर से ही म लोग ये पता लगाने में जुट जाते हैं कि इस साल कौन सा त्योहार किस (2023 ke tyohar) दिन है. तो चलिए बिना देर करते देखते हैं इस साल के नवंबर महीने में पड़ने वाले भारत के फेमस त्योहारों की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और फूड से जुड़ी जानकारी. | Here's the List of famous festivals of India-
जानते हैं इस साल करवा चौथ के व्रत के दिन, पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि और भोग के बारे में...
करवा चौथ तिथि और शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2023 Date and Shubh Muhurt)
इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार को रात नौ बजकर तीस मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को रात नौ बजकर उन्नीस मिनट तक है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ्र का व्रत 1 नवंबर बुधवार को रखा जाएगा. करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम पांच बजकर चौवालीस मिनट से सात बजकर दो मिनट तक की जा सकती है. उस दिन चंद्रोदय आठ बजकर छब्बीस मिनट पर होगा.
करवा चौथ 2023 में कब निकलेगा चांद | चांद निकलने का समय : व्रत खोलने के लिए चंद्रोदय (Chandrodaya) का समय सगभग रात 8:26 बजे है.
Karwa Chauth 2023 : करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम पांच बजकर चौवालीस मिनट से सात बजकर दो मिनट तक की जा सकती है.
कैसे मनाते हैं करवा चौथ का व्रत | How to Celebrate Karva Chauth
इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन निर्जला रहते हुए व्रत रखती हैं. व्रत शुरू होने से पहले सास के हाथों से सरगी ली जाती है, जिसके बाद से इस व्रत की शुरुआत मानी जाती है. इसके बाद रात के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही जल ग्रहण किया जाता है और व्रती महिलाएं पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं.
करवा चौथ के दिन पूजा विधि | Karwa Chauth Puja Vidhi
करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. पूरे दिन निर्जला व्रत रखें. पूजा की सामग्री एकत्र कर लें. मिट्टी से गौरी और गणेश बनाएं. माता गौरी को सुहाग की चीजें चूड़ी, बिंदी, चुनरी, सिंदूर अर्पित करें. करवा में गेहूं और उसके ढक्कन में चीनी का बूरा रखें. रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं. शाम में गौरी और गणेश की पूजा करें और कथा सुनें. रात्रि में चंद्रमा को देख पति से आशीर्वाद लें और व्रत का पारण करें.
करवा चौथ के दिन का महत्व और इतिहास
मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने के कारण माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाया था. यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सुहाग के लिए रखती हैं.
कैसे तैयार करें करवा चौथ का भोग
करवा चौथ में पारण के लिए कहीं हलवा पूरी और चूरमा तो कहीं आलू की सब्जी और पूरी बनाई जाती है. वहीं कहीं पर इस दिन दाल के फरे और कढ़ी भी बनती है. करवा चौथ पर हलवा, पूरी, खीर, सब्जी, मिठाई बनाई जा सकती है. इस व्रत पर जो भी खाना बनाएं उसमें लहसुन और प्याज का इस्तेमाल न करें. भोग लगाने के लिए आप घी और गुड़ ले सकती हैं. इसमें आप सबसे पहले भगवान गणेश जी को भोग की थाली तैयार बनाएं. इसमें हलवा-पूरी रखना न भूलें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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