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This Article is From Nov 01, 2023

Karwa Chauth 2023: जानिए आज किस मुहूर्त में सुनें करवा चौथ की कथा और किस तरह होती है पूजा

Karwa Chauth Puja Vidhi: सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और मान्यतानुसार पूजा करती हैं. आज पूजा किस मुहूर्त में करना सौभाग्यशाली रहेगा जानिए यहां. 

Karwa Chauth 2023: जानिए आज किस मुहूर्त में सुनें करवा चौथ की कथा और किस तरह होती है पूजा
Karwa Chauth Puja Shubh Muhurt: करवा चौथ पर इस समय कर सकते हैं पूजा. 

Karwa Chauth 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ की विशेष मान्यता होती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं. पूरे मनोभाव से महिलाएं सोलह श्रृंगार करके एकसाथ करवा चौथ की पूजा संपन्न करती हैं और शाम को चांद निकलने के बाद छलनी से पति को देखकर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ पर दोपहर के समय कथा (Karwa Chauth Katha) सुनी जाती है और पूजा करते हैं. जानिए आज 1 नवंबर, बुधवार के दिन किस मुहूर्त में कथा सुनना और पूजा करना शुभ रहेगा और किस तरह की जा सकती है करवा चौथ की पूजा. 

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करवा चौथ की पूजा | Karwa Chauth Puja 

पंचांग के अनुसार, इस साल 1 नवंबर के दिन करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) रखा जा रहा है. इस दिन सुबह स्नान पश्चात सुर्योदय से पहले सरगी खाई जाती है. सरगी खाने के बाद महिलाएं देवी-देवताओं का ध्यान करती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं. करवा चौथ के दिन सुबह से ही निर्जला व्रत रखा जाता है जो चंद्रोदय के बाद तोड़ते हैं. इस साल करवा चौथ की पूजा और कथा सुनने का समय सांयकाल 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 54 मिनट तक बताया जा रहा है. इस बीच करवा चौथ की पूजा की जा सकती है और मान्यतानुसार सत्यवान और सावित्री की कथा पढ़ी व सुनी जाती है. माना जाता है कि सावित्री यमराज से अपने पति को खींच लाई थीं. 

करवा चौथ की पूजा सामग्री में करवा, ढक्कन, आटा, फल, हल्दी, फूल, सींक, कलश, दही, कलश, शक्कर, मौली, मिठाई, छलनी, घी और दूध आदि सम्मिलित किए जाते हैं. 

पूजा करने के लिए सभी महिलाएं एकजुट होकर बैठती हैं और मध्य में सत्यवान और सावित्री की तस्वीर लगाती हैं और साथ ही मां पार्वती की प्रतिमा सजाई जाती है. इस दौरान करवा चौथ की अलग-अलग कथाएं सुनी जाती हैं और एक-एक कर सभी सामग्रियां, मिठाई और मठरी आदि माता की प्रतिमा पर अर्पित किए जाते हैं. कथा सुनाने वाले को भी प्रसाद दिया जाता है. महिलाएं इस दौरान हाथों में चावल लेकर बैठती हैं जिसे पानी भरे करवे में रखा जाता है. अकेले भी करवा चौथ की पूजा की जा सकती है.

शाम के समय घर में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. चंद्रमा निकलने पर महिलाएं पति की आरती करती हैं, छलनी से पहले चंद्रमा (Moon) और फिर पति को देखती हैं और फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं. महिलाएं यह प्रार्थना करती हैं कि उनके पति दीर्घायु हों. इस साल करवा चौथ का चांद रात 8 बजकर 15 मिनट पर निकल सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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