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दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल को लेकर दर्ज हुई शिकायत, NHRC ने FSSAI से मांगी रिपोर्ट

NHRC ने देश में इस्तेमाल किए हुए तेल को दोबारा उपयोग करने के मामले पर संज्ञान लिया. ये शिकायत 18 अक्टूबर 2025 को भोपाल की Sarthak Samudayik Vikas Evam Jan Kalyan Sanstha द्वारा की गई थी.

दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल को लेकर दर्ज हुई शिकायत, NHRC ने FSSAI से मांगी रिपोर्ट
दोबारा तेल इस्तेमाल करना सेहत के लिए खतरा.

Oil Resue: कई बार हमारे घर में जब कुछ भी ऑयली या तेल में फ्राई करने वाला बनता है तो कढ़ाई में तेल बच जाता है और फिर इसको दोबारा से इस्तेमाल किया जाता है. सिर्फ घरों मे ही नहीं बल्कि दुकानों पर भी एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा से यूज किया जाता है. बता दें कि देश में इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा प्रयोग में लाने के मामले पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. आयोग ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा एक मानव अधिकार मुद्दा मानते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को नोटिस जारी किया है.

भोपाल से की गई शिकायत 

ये शिकायत 18 अक्टूबर 2025 को भोपाल की “सार्थक सामुदायिक विकास एवं जनकल्याण संस्था” (Sarthak Samudayik Vikas Evam Jan Kalyan Sanstha) द्वारा दर्ज कराई गई थी. शिकायत में कहा गया कि देशभर में छोटे होटल, ढाबों और ठेले वाले बार-बार एक ही तेल का उपयोग कर रहे हैं, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है.

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स्वास्थ्य के लिए खतरा

शिकायत के अनुसार, इस्तेमाल किए हुए तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें हानिकारक रसायन बनते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे तेल के सेवन से कैंसर, हृदय रोग और लिवर की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही, फेंका गया तेल पानी और मिट्टी को प्रदूषित कर रहा है, जिससे पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है.

FSSAI से मांगी गई रिपोर्ट

NHRC ने FSSAI को नोटिस जारी करते हुए राज्यवार जांच रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने निर्देश दिया है कि FSSAI दो हफ्तों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट आयोग को सौंपे.

सख्त कार्रवाई और जागरूकता की जरूरत

आयोग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने और जनजागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है, ताकि लोगों को इस्तेमाल किए गए तेल के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा सके और इस खतरनाक प्रथा पर रोक लगाई जा सके.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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