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क्या जला हुआ खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जानिए क्या कहती है रिसर्च

ज्यादा कुरकुरी टोस्ट या फ्रेंच फ्राइज बनाते समय सावधान रहें , ज्यादा पकाने से बन सकता है कैंसर से जुड़ा रसायन एक्रिलामाइड.

क्या जला हुआ खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जानिए क्या कहती है रिसर्च
क्या जला हुआ खाना खाने से कैंसर हो सकता है?

Burnt Food Cause Cancer: क्या आपको भी क्रिस्पी और गहरे भूरे रंग वाले टोस्ट पसंद हैं जो खाने में कुरकुरे होते हैं. ये भले ही स्वाद में लाजवाब लगते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्वाजिष्ट चीजें आपको कैंसर का शिकार बना सकती हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्चयुक्त फूड आइटम्स को ज़्यादा टेंपरेचर पर पकाने से एक केमिकल पदार्थ बनता है जिसे “एक्रिलामाइड” कहा जाता है, और इसका संबंध कैंसर के खतरे से जोड़ा गया है.

हालांकि इंसानों पर की गई कई रिसर्च अभी निर्णायक नहीं हैं, लेकिन यह समझना कि एक्रिलामाइड क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है, आपको रसोई में सेफ ऑप्शन्स को चुनने में मदद कर सकता है.

एक्रिलामाइड क्या है? (What is acrylamide?)

एक्रिलामाइड (Acrylamide) एक रासायनिक पदार्थ है जो स्वाभाविक रूप से तब बनता है जब स्टार्चयुक्त फूड आइटम्स को 120°C (248°F) से ज्यादा टेंपरेचर पर पकाया जाता है. इस प्रोसेस को मेलार्ड रिएक्शन (Maillard Reaction) कहा जाता है, जो खाने को उसका सुनहरा रंग और खास सुगंध और स्वाद देता है.

किन फूड आइटम्स में एक्रिलामाइड बनने की संभावना ज्यादा होती है?

  • तले या रोस्ट किए गए आलू (फ्रेंच फ्राइज, चिप्स, रोस्टेड वेजेज)
  • ब्रेड और टोस्ट
  • ब्रेकफास्ट सीरियल्स
  • बिस्किट और केक
  • कॉफी

सबसे जरूरी बात यह है कि एक्रिलामाइड कोई मिलाया गया पदार्थ नहीं है, बल्कि यह सिर्फ फ्राई, बेक, ग्रिल, रोस्ट या टोस्ट करने जैसी कुकिंग प्रोसेस के दौरान बाय-प्रॉडक्ट के रूप में बनता है.

एक्रिलामाइड और कैंसर: रिसर्च क्या कहती है?

2002 में स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पहली बार यह पाया कि आम स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को पकाते समय एक्रिलामाइड बनता है. इसके बाद जानवरों पर हुए अध्ययनों में यह देखा गया कि बहुत ज्यादा मात्रा में एक्रिलामाइड कैंसरजनक (carcinogenic) हो सकता है. हालांकि यह मात्रा इंसानों के रोज़मर्रा के आहार में पाई जाने वाली मात्रा से कहीं ज़्यादा थी.

2017 में ब्रिटेन की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने सलाह दी थी कि स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को “सुनहरा पीला” रंग आने तक ही पकाएं, “गहरा भूरा” नहीं, ताकि एक्रिलामाइड की मात्रा कम हो सके.

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मनुष्यों पर हुए अध्ययनों ने कुछ अलग परिणाम दिखाए हैं.

वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड द्वारा किए गए एक अध्ययन में 10 यूरोपीय देशों की 3.68 लाख महिलाओं पर नज़र रखी गई, लेकिन एक्रिलामाइड और गर्भाशय या अंडाशय के कैंसर के बीच कोई ठोस संबंध नहीं मिला. कुल मिलाकर, अब तक की जनसंख्या-आधारित रिसर्च बताती है कि हमारी नॉर्मल डाइट में मौजूद एक्रिलामाइड की मात्रा कैंसर के खतरे को बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ाती.

फिर भी, यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी (EFSA) का कहना है कि खाने में मौजूद एक्रिलामाइड “सभी आयु वर्गों के उपभोक्ताओं में कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है,” और बच्चे ज्यादा सेंसटिव माने जाते हैं.

एक्रिलामाइड कम करने के आसान तरीके

भले ही एक्रिलामाइड को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सरल उपायों से आप इसकी मात्रा को काफी हद तक कम कर सकते हैं:

1. आलू को सुनहरा होने तक पकाएं. फ्राइज, चिप्स या रोस्ट आलू जलने न दें.

2.तले हुए स्नैक्स और चिप्स का सेवन सीमित करें. ये एक्रिलामाइड के सबसे बड़े स्रोतों में से हैं.

3. ब्रेड को हल्का टोस्ट करें. अगर जल जाए तो जली हुई परत को हटा दें, लेकिन बेहतर है कि उसे जलने ही न दें.

4. बैलेंस डाइट लें. फलों, सब्ज़ियों, दालों और साबुत अनाजों से भरपूर डाइट एक्रिलामाइड की मात्रा को स्वाभाविक रूप से कम करने में मदद करती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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