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फ्रूट जूस बेच रही कंपनियों को FSSAI का सख्त आदेश, लेबल, विज्ञापनों से '100% फलों के रस' का दावा हटाएं

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफबीओ) को अपने प्रोडक्ट पर '100% फलों के जूस' के दावे को हटाने का निर्देश दिया है.

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फ्रूट जूस बेच रही कंपनियों को FSSAI का सख्त आदेश, लेबल, विज्ञापनों से '100% फलों के रस' का दावा हटाएं
FSSAI ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर को अपने प्रोडक्ट पर '100% फलों के जूस' के दावे को हटाने का निर्देश दिया है.

फलों का जूस हम सभी पीना पसंद करते हैं. क्योंकि फलों के जूस को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. लेकिन क्या आप जो जूस पी रहे हैं उसमें 100 प्रतिशत जूस है. जी हां हाल ही में खाद्य उद्योग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रामक दावों को रोकने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफबीओ) को अपने प्रोडक्ट पर '100% फलों के जूस' के दावे को हटाने का निर्देश दिया है. इस अधिदेश में प्रींटेड लेबल किसी भी दावे के साथ-साथ वस्तुओं के विज्ञापन भी शामिल हैं. एफएसएसएआई के अनुसार, यदि एडेड न्यूट्रिशन स्वीटनर 15 ग्राम/किग्रा से अधिक है, तो प्रोडक्ट को 'स्वीट जूस' लेबल किया जाना चाहिए. इसके अलावा, निर्देश में कहा गया है कि ब्रांडों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंग्रीडिएंट लिस्ट का मसौदा तैयार करते समय कंसन्ट्रेट से रेकॉन्स्टिटूड जूस के नाम के सामने "रेकॉन्स्टिटूड" शब्द का उल्लेख किया गया है.

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एफएसएसएआई ने "100% फलों के जूस" के रूप में विज्ञापन वाले प्रोडक्ट के बारे में उनके "भ्रामक" दावों के लिए ब्रांडों को फटकार लगाई है. वास्तव में, ये अक्सर कई प्रकार के रेकॉन्स्टिटूड फलों के जूस बन जाते हैं. एफएसएसएआई बताता है, "फलों के जूस का मेन इंग्रीडिएंट पानी है और प्राइमरी इंग्रीडिएंट, जिसके लिए दावा किया गया है, केवल सीमित कंसन्ट्रेटशन में मौजूद होता है, या जब फलों के जूस को पानी और फलों के कंसन्ट्रेट या गूदे का उपयोग करके रेकॉन्स्टिटूड किया जाता है." इसने स्पष्ट किया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार, '100%' दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है.

एफएसएसएआई ने नए निर्देश के तहत एफबीओ को 1 सितंबर, 2024 से पहले सभी मौजूदा प्री प्रींटेड पैकेजिंग सामग्रियों को समाप्त करने का भी निर्देश दिया है.

इससे पहले, अप्रैल में, एफएसएसएआई ने एफबीओ को "हेल्दी ड्रिंक" और "एनर्जी ड्रिंक" के रूप में बेचे जा रहे प्रोप्राइटरी फूड को फिर से कैटेगराइज करने के लिए कहा था. इसने उन्हें "अपनी वेबसाइटों पर 'हेल्दी ड्रिंक/एनर्जी ड्रिंक' की कैटेगरी से ऐसे ड्रिंक को हटाने या डी-लिंक करके गलत वर्गीकरण को सुधारने और ऐसे प्रोडक्ट को मौजूदा कानून के तहत प्रदान की गई उचित कैटेगरी में रखने का निर्देश दिया".

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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