नई दिल्ली:
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर कर देने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमें हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं। इसमें मुख्य रूप से नितंब, कलाई और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं। इस रोग में हड्डियां इस हद तक कमजोर हो जाती हैं कि कुर्सी उठाने और झुकने में भी वे टूट जाती हैं। एनआईएच (नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ) के अनुसार, अमेरिका के करीब 3.40 करोड़ लोगों को यह समस्या है।
आमतौर पर महिलाओं में इसके होने की संभावना अधिक होती है, जिसका मुख्य कारण यह है कि 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज हो जाता है और उनके शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे विश्व में 20 करोड़ लोगों को 40 साल की उम्र के बाद यह रोग होता है और इसमें हड्डियां बेहद कमजोर और छिद्र युक्त हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। मैक्स सुपर स्पैशियलटी हॉस्पिटल के यूनिट हेड, प्रमुख सलाहकार और वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल अरोड़ा ने इसके बचाव के तरीके बताए हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती है। इसके अतिरिक्त विटामिन-डी की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार होती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि 15 प्रतिशत लोगों को यह 50 साल की आयु के बाद और 70 प्रतिशत लोगों को यह 80 साल की उम्र के बाद अपनी चपेट में लेता है। इससे केवल महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी प्रभावित होते हैं। लेकिन महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में इसके होने की संभावना कम होती है। पुरुषों में इसके लिए टेस्टेस्टेरोन की कमी जिम्मेदार होती है। इसके कोई ऐसे लक्षण नहीं हैं, जिससे कि किसी इंसान को सामान्य रूप से यह देख कर पता चल पाए कि उसे यह रोग है या नहीं। इसलिए इसे एक साइलेंट डिजीज भी कह सकते हैं। इसकी जांच दो तरह से की जाती है। इसका पता एक्स-रे होने के बाद ही चलता है।
इससे बचाव के तरीके
इसके बचाव के तरीके ये हैं कि 30 साल की आयु के बाद समय-समय पर किसी अच्छे डॉक्टर से अपनी जांच कराते रहें, जिन लोगों की आयु 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है, वे प्रतिदिन डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम विटामिन-डी की गोली लेते रहें। इसके अलावा, व्यायाम करना भी किसी भी रोग से बचने के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आमतौर पर महिलाओं में इसके होने की संभावना अधिक होती है, जिसका मुख्य कारण यह है कि 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज हो जाता है और उनके शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे विश्व में 20 करोड़ लोगों को 40 साल की उम्र के बाद यह रोग होता है और इसमें हड्डियां बेहद कमजोर और छिद्र युक्त हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। मैक्स सुपर स्पैशियलटी हॉस्पिटल के यूनिट हेड, प्रमुख सलाहकार और वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल अरोड़ा ने इसके बचाव के तरीके बताए हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती है। इसके अतिरिक्त विटामिन-डी की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार होती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि 15 प्रतिशत लोगों को यह 50 साल की आयु के बाद और 70 प्रतिशत लोगों को यह 80 साल की उम्र के बाद अपनी चपेट में लेता है। इससे केवल महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी प्रभावित होते हैं। लेकिन महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में इसके होने की संभावना कम होती है। पुरुषों में इसके लिए टेस्टेस्टेरोन की कमी जिम्मेदार होती है। इसके कोई ऐसे लक्षण नहीं हैं, जिससे कि किसी इंसान को सामान्य रूप से यह देख कर पता चल पाए कि उसे यह रोग है या नहीं। इसलिए इसे एक साइलेंट डिजीज भी कह सकते हैं। इसकी जांच दो तरह से की जाती है। इसका पता एक्स-रे होने के बाद ही चलता है।
इससे बचाव के तरीके
इसके बचाव के तरीके ये हैं कि 30 साल की आयु के बाद समय-समय पर किसी अच्छे डॉक्टर से अपनी जांच कराते रहें, जिन लोगों की आयु 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है, वे प्रतिदिन डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम विटामिन-डी की गोली लेते रहें। इसके अलावा, व्यायाम करना भी किसी भी रोग से बचने के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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