Bhanu Saptami 2023: आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को भानु सप्तमी (Bhanu Saptami) मनाया जाएगा. भानू सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना का खास महत्व होता है. ऊर्जा और प्रकाश के देवता सूर्य की हर चाल और गतिविधि का असर इंसानी जिंदगी पर होता है. सूर्य (Lord Surya) की आराधना को सुख और समृद्धि के साथ ही शारीरिक क्षमता के विकास से जोड़ कर देखा जाता है. माना जाता है कि भानू सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा और व्रत रखने से आर्थिक परेशानियां खत्म होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है, साथ ही शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं. आइए जानते हैं कि भानू सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा विधि क्या है और इस दिन उन्हें किस चीज का भोग लगाना चाहिए.
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भानू सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा विधि (Bhanu Saptami Puja Vidhi)
इस बार भानु सप्तमी पर शुभ योग बन रहा है, रविवार को भगवान सूर्य का दिन माना जाता है और इस बार रविवार को ही भानु सप्तमी भी है. ऐसे में इस दिन को और भी ज्यादा खास माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा और व्रत करने का विशेष लाभ मिलेगा. आप सुबह सूर्योदय से पहले उठे और नहा कर साफ कपड़े पहने, साथ ही व्रत का संकल्प करें. तांबे के पात्र में जल, लाल पुष्प, लाल चंदन और अक्षत डाल कर सूर्य देव को जल दें और उन्हें गुड़ या उससे बनी मिठाई का भोग लगाएं.
सूर्य देव का भोग ( Surya Dev Bhog)
सूर्य देव को गुड़ का भोग लगाना चाहिए. आप चाहे तो गुड़ से बनी मिठाई भी चढ़ा सकते है. आटे को भूनकर उसमें घी और गुड़ डालकर घर में हलवा बनाकर इसे भी सूर्य देव को चढ़ा सकते हैं. गुड़ शुद्ध माना जाता है, इसका भोग लगाने से भगवान भास्कर की पूजा पूरी होती है, ऐसी मान्यता है.
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