1) बिना सोचे-समझे खाना
शाम 7 बजे से पहले एक पौष्टिक डाइट तृप्ति प्रदान करती है, लेकिन भूख के दर्द के बारे में क्या, स्वाद कलिकाएं जो उन मीठे पाई, केक, तला हुआ राडिनर और कुरकुरे पैक किए गए भोजन को लालसा कर रही हैं, जो आपको उन शानदार और रंगीन पैकेट में लुभाती हैं?
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आप हमेशा एक स्लिम और टोंड फिगर बॉडी पाना चाहते हैं, लेकिन बिंज से बचना मुश्किल है. भले ही फास्ट फूड के लो न्यूट्रिशनल वैल्यू के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है. फिर भी शरीर कार्ब्स और फैट के लिए तरसता है. एक हेल्थ जर्नल में छपे एक पेपर के अनुसार किसी भी व्यक्ति को जब भी किसी चीज की जरूरत होती है तो उसका शरीर उसे एक संकेत भेजता है जो उसके शरीर में कमियों से उत्पन्न होता है.
2) शुगर क्रेविंग
अध्ययनों से पता चलता है कि आप एनर्जी के लिए कुछ मीठा खाने का सहारा ले सकते हैं. मीठा प्रोसेस्ड भोजन आपके मस्तिष्क में "फील-गुड" न्यूरोकेमिकल डोपामाइन को छोड़ता है. शुगर क्रेविंग कई तरह की स्थितियों के कारण हो सकती है, जिसमें डिप्रेशन, नींद की कमी, पीरियड्स क्रेविंग और डायबिटीज शामिल हैं.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार, मीठा बहुत अच्छा है, लेकिन हर दिन नहीं. कभी-कभी मीठा खाने की इच्छा डिहाइड्रेशन के कारण भी होती है. ऐसे में अधिक प्रोटीन खाने, व्यायाम करने और पर्याप्त नींद लेने के जरिए मिठाई के लिए अपनी इच्छाओं को कम कर सकते हैं.
3) स्ट्रेस ईटिंग
भावनात्मक भोजन काम के तनाव, पैसे की चिंता, रिश्ते की कठिनाइयों या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होता है. कई अध्ययनों के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रेस ईटिंग अधिक आम है. लोग अपनी भावनाओं को शांत करने के लिए खाते हैं, और भावनात्मक खाने वाले आइसक्रीम, कुकीज़, चॉकलेट, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़ और पिज्जा जैसे आरामदेह फूड्स के लिए तरसते हैं, जिससे वजन बढ़ता है.
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4) लापरवाह भोजन
जब किसी व्यक्ति का दिमाग व्यस्त रहता है, तो वह इस बात से अनजान होता है कि वह क्या खा रहा है या कितना खा रहा है. बोरियत से बचने और टेलीविजन, बातचीत और अन्य कामों के कारण मन को भटकने से बचाने के लिए यह सिर्फ भूख के बिना भोजन करना है. ध्यान से खाने से एकाग्रता, पाचन और चिंता सभी में सुधार होता है.
5) बड़ी मात्रा में खाना
इतने सारे स्वादिष्ट फूड ऑप्शन होने के कारण पोर्शन साइज के बारे में सोचे बिना अधिक खाना आसान है. बड़ी मात्रा में खाने से शरीर में वसा को बढ़ावा मिलता है, भूख के रेगुलेशन में बाधा आती है, बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, मस्तिष्क के कार्य को रोकता है और गंभीर अपच का कारण बन सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.