
यह फिल्म 10 फरवरी को रिलीज हो रही है.
नई दिल्ली:
'जॉली एलएलबी 2' फिल्म की रिलीज को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में 'जॉली एलएलबी 2' के निर्माता को कोई राहत नहीं मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा फिल्म देखने और समीक्षा करने लिए नियुक्त एमिक्स को रोकने से इंकार किया था और कहा था कि इस मसले को फिलहाल हाईकोर्ट को तय करने दिया जाए. वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ ने फिल्म जॉली एलएलबी 2 से चार सीन हटाने का आदेश दिया है. अब सेंसर बोर्ड दोबारा इस फिल्म के लिए सर्टिफिकेट जारी करेगा. हाईकोर्ट द्वारा बनायी गयी कमेटी ने फिल्म से 4 सीन हटाने की सिफारिश की थी. यानी तीन दिन बाद रिलीज होने वाली यह फिल्म 4 सीन के कट्स के बाद रिलीज होगी.
'जॉली एलएलबी 2' के मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. फिल्म निर्माता ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने फिल्म की समीक्षा के लिए एक पैनल के गठन का आदेश दिया था दो एमिक्स को फिल्म देखकर ये तय करना था कि ये फिल्म न्यायपालिका और वकीलों को गलत तरीके से पेश करती है या नहीं.
निर्माता का कहना है कि सेंसर बोर्ड पहले ही फिल्म को हरी झंडी दे चुका है, ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. दरअसल, यह फिल्म तीन दिन बाद रिलीज होनी है. फिल्म रिलीज से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दो एमिकस क्यूरी (अदालत की मदद करने वाले वकील) को नियुक्त करते हुए उन्हें अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 देखने को कहा था. नियुक्त किए गये एमिकस क्यूरी को इस बात का पता लगाना था कि क्या फिल्म में ज्यूडिशियरी या वकीलों की छवि खराब की गई है.
बता दें कि वकील अजय कुमार वाघमारे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म के टाइटल से 'एलएलबी' शब्द को हटाने की मांग की थी. वाघमारे ने अपनी इस याचिका में ट्रेलर के कई सीन का जिक्र करते हुए लिखा है कि इसमें किरदारों को कोर्ट परिसर के अंदर पत्ते खेलते और डांस करते दिखाया गया है, जिससे वकील के पेशे की छवि धूमिल होती है. याचिका में इस बात की भी मांग की गई कि फिल्म के ट्रेलर को तत्काल प्रभाव से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बंद किया जाए.
'जॉली एलएलबी 2' के मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. फिल्म निर्माता ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने फिल्म की समीक्षा के लिए एक पैनल के गठन का आदेश दिया था दो एमिक्स को फिल्म देखकर ये तय करना था कि ये फिल्म न्यायपालिका और वकीलों को गलत तरीके से पेश करती है या नहीं.
निर्माता का कहना है कि सेंसर बोर्ड पहले ही फिल्म को हरी झंडी दे चुका है, ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. दरअसल, यह फिल्म तीन दिन बाद रिलीज होनी है. फिल्म रिलीज से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दो एमिकस क्यूरी (अदालत की मदद करने वाले वकील) को नियुक्त करते हुए उन्हें अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 देखने को कहा था. नियुक्त किए गये एमिकस क्यूरी को इस बात का पता लगाना था कि क्या फिल्म में ज्यूडिशियरी या वकीलों की छवि खराब की गई है.
बता दें कि वकील अजय कुमार वाघमारे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म के टाइटल से 'एलएलबी' शब्द को हटाने की मांग की थी. वाघमारे ने अपनी इस याचिका में ट्रेलर के कई सीन का जिक्र करते हुए लिखा है कि इसमें किरदारों को कोर्ट परिसर के अंदर पत्ते खेलते और डांस करते दिखाया गया है, जिससे वकील के पेशे की छवि धूमिल होती है. याचिका में इस बात की भी मांग की गई कि फिल्म के ट्रेलर को तत्काल प्रभाव से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बंद किया जाए.
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