
Janmashtami 2024 Puja Samagri List: हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण की पूजा सभी दुखों को दूर करके सुख-सौभाग दिलाने वाली मानी गई है. यही कारण है कि कृष्ण भक्तों को पूरे साल कान्हा से जुड़े जन्माष्टमी पर्व का पूरे साल इंतजार बना रहता है. मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति पूरे जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण पर श्रद्धा-विश्वास रखते हुए विधि-विधान से उनकी पूजा और व्रत को करता है, उसके सात जन्मों के पाप-ताप दूर हो जाते हैं. कृष्ण कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है.
किन चीजों के बगैर अधूरी है जन्माष्टमी की पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि आपके पास उपर दी गई लिस्ट का पूरा सामान नहीं उपलब्ध है तो आपको निराश होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. आप जन्माष्टमी पर कृष्ण की प्रिय चीजों में कुछ को अर्पित करके भी उनकी कृपा पा सकते हैं. आइए कान्हा की पूजा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जानते हैं.

खीरा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा बगैर खीरे के अधूरी मानी जाती है क्योंकि जिस तरह बच्चे के जन्म के समय उसे मां से अलग करने के लिए उसकी गर्भनाल को काटा जाता है, कुछ वैसे ही जन्माष्टमी पर खीरा को प्रतीक रूप में काटकर उन्हें उनकी माता से अलग किया जाता है. उसके बाद उन्हें नहला-धुलाकर विधि-विधान से पूजा की जाती है.
मुरली
भगवान श्रीकृष्ण को मुरली बजाना बहुत पसंद था. जिसे वे हर समय अपने पास लिए रहा करते थे. ऐसे में यदि आप जन्माष्टमी के दिन उन्हें मुरली अर्पित करते हैं तो निश्चित रूप पर श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर आपकी कामना को पूरा करेंगे.
मोर पंख
कान्हा को गाय की तरह मोर से भी लगाव था. यही कारण है कि वे मोर के पंख को हमेशा अपने मस्तक पर धारण किए रहते थे, इसलिए इस जन्माष्टमी पर कान्हा को मोर पंख चढ़ाना न भूलें.
वैजयंती माला
भगवान श्री कृष्ण को सजाने के लिए यदि आप तमाम तरह की ज्वैलरी ले रहे हैं तो आप उसमें वैजयंती की माला लेना बिल्कुल न भूलें क्योंकि यह श्रीकृष्ण को बहुत ज्यादा प्रिय थी.
माखन-मिश्री
भगवान श्री कृष्ण को भोग में माखन-मिश्री जरूर चढ़ाएं. मान्यता है कि जन्माष्टमी पर मक्खन का भोग लगाने पर कन्हैया शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट
- भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की मूर्ति या फिर फोटो
- पूजा के लिए चौकी
- पांच प्रकार के पत्ते - बड़, गूलर, पीपल, पाकर और आम
- केला का पत्ता
- तुलसी पत्र - दल सहित
- पांच प्रकार के मौसमी फल
- सप्तमृत्तिका
- सप्तधान्य
- नारियल
- गंगाजल
- शहद
- शक्कर
- दही
- दूध
- फूल
- माला
- मिठाई
- पंचामृत
- पंचमेवा
- दीपक
- धूप
- दीप
- रुई की बाती
- शुद्ध घी
- केसर
- कपूर
- चंदन
- हल्दी
- कुंकुम
- अक्षत
- मौली
- इत्र
- शंख
- पवित्र जल
- भगवान को स्नान कराने का पात्र
- जल रखने का कलश अथवा कोई दूसरा पात्र
- पान के पत्ते, सुपाड़ी, इलायची, लौंग,
- धनिया खड़ा
- जनेउ
- लड्डू गोपाल या फिर श्रीकृष्ण की मूर्ति को पहनने के नये वस्त्र
- मोरपंख वाला मुकुट
- आभूषण अथवा तुलसी माला
- बांसुरी
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं