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शीतला सप्तमी आज, यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग, राहुकाल और भद्रा

पौराणिक मान्यता है कि होली के सातवें और आठवें दिन देवी शीतला की पूजा अर्चना करने से चेचक के साथ अन्य संक्रमित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

शीतला सप्तमी आज, यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग, राहुकाल और भद्रा
शीतला सप्तमी पर पूजा के लिए शुभ समय 21 मार्च को सुबह 06:24 मिनट से लेकर शाम 06:33 मिनट तक है.

Sheetla Saptami date 2025 : आज शीतला सप्तमी है. इस दिन 'बसौड़ा' के लिए अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं. इनका भोग ही अष्टमी के दिन लगाते हैं. यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि होली के सातवें और आठवें दिन देवी शीतला की पूजा अर्चना करने से चेचक के साथ अन्य संक्रमित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त, विधि, भोग, राहुकाल और भद्रा. 

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सप्तमी पूजा मुहूर्त - Saptami Puja Muhurta

  • पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 21 मार्च देर रात 02:45 मिनट पर शुरू होगी जिसका समापन 22 मार्च सुबह 04:23 मिनट पर होगा. 
  • शीतला सप्तमी पर पूजा के लिए शुभ समय 21 मार्च को सुबह 06:24 मिनट से लेकर शाम 06:33 मिनट तक है.

शीतला सप्तमी शुभ योग - Sheetla Saptami auspicious yoga

रवि योग : सुबह 06 बजकर 24 मिनट से 22 मार्च रात 01 बजकर 46 तक है.
ब्रह्म मुहूर्त : 04:49 ए एम से 05:36 ए एम
अभिजीत मुहूर्त : 12:04 पी एम से 12:53 पी एम
विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:18 पी एम
अमृत काल : 04:08 पी एम से 05:53 पी एम

अशुभ समय

  • राहुकाल - 10:57 ए एम से 12:28 पी एम
  • भद्रा - 06:24 ए एम से 03:38 पी एम
  • दिशाशूल - पश्चिम

शीतला सप्तमी पूजा विधि - Puja vidhi on Sheetla Saptami

  • शीतला सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करिए.
  • अब आप शीतला माता का ध्यान करके व्रत का संकल्प लीजिए.
  • फिर गुलाल, कुमकुम आदि मां को अर्पित करिए.
  • फिर बासी भोजन माता को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं.
  • पूजा के बाद घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं.

शीतला सप्तमी भोग - Sheetla Saptami Bhog

इस दिन देवी शीतला को खीर और बताशे आदि का भोग लगा सकते हैं. साथ ही पूजा के समय गुलाब, कमल के फूल, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, लाल सिंदूर आदि अर्पित करिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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