Shaligram Puja Niyam: अगर घर में हैं शालीग्राम तो तुलसी विवाह पर इन बातों का रखें ध्यान, प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

Shaligram Puja Niyam: तुलसी विवाह के दिन शालीग्राम भगवान की विशेष पूजा होती है. आइए जानते हैं शालीग्राम पूजा से जुड़े खास नियम.

Shaligram Puja Niyam: अगर घर में हैं शालीग्राम तो तुलसी विवाह पर इन बातों का रखें ध्यान, प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

Shaligram Puja Niyam: शालीग्राम की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है.

Shaligram Puja Niyam, Tulsi Vivah 2022: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, शालीग्राम भगवान विष्णु का एक विग्रह रूप है. जिसकी पूजा आमतौर पर घरों में की जाती है. हालांकि घर में शालीग्राम रखने के कई नियम और विधान हैं. शालीग्राम भगवान की पूजा विशेष रूप से तुलसी विवाह के दिन की जाती है. इस दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है. मान्यता है कि जिस घर में नियमित शालीग्राम की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है, उस घर में रोग, शोक, दुख, कष्ट इत्यादि नहीं रहते हैं. हलांकि मान्यता यह भी है कि जब शालीग्राम की पूजा में निमयों का पालन नहीं किया जाता है तो कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि शालीग्राम की पूजा से जुड़े खास नियम.

शालीग्राम की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान | Shaligram Puja Niyam, Vidhi

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिस घर में शालीग्राम होता है, वहां सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए. 

मान्यता है कि घर में कभी भी एक से अधिक शालीग्राम स्थापित नहीं करना चाहिए. अगर घर में एक से अधिक शालीग्राम हो तो किसी एक को घर में रखकर बाकी की विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद प्रवाहित कर देना चाहिए. 

शालीग्राम को कभी भी गिफ्ट के तौर पर नहीं लेना चाहिए. मान्यतानुसार यह अशुभ है. ऐसे में हर किसी को कोशिश करनी चाहिए कि किसी के द्वारा शालीग्राम को उपाहार के तौर पर नहीं लेना चाहिए. 

धर्म शास्त्र के जानकार बताते हैं कि अगर घर में शालीग्राम है तो मांस-मदिरा, जुआ इत्यादि कार्यों के दूरी बना लेनी चाहिए. इसके साथ ही घर में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए.

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घर में रखे हुए शालीग्राम की नियमित पूजा करनी चाहिए. अगर किन्हीं कारणों से नियमित रूप से शालीग्राम की पूजा नहीं कर सकते हैं, तो भगवान विष्णु को क्षमा मांगते हुए उसे जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. 

शालीग्राम को हमेशा तुसली के पौधे के पास ही रखना चाहिए. मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी औक भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा शालीग्राम को रोजाना पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. माना जाता है कि इससे घर में सुख और समृद्धि आती है. 

शालीग्राम की पूजा करते समय चंदन के साथ-साथ तुलसी भी अर्पित करना चाहिए. ऐसे करने से पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है. साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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