विज्ञापन

Janmashtami 2024 : श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सचिव से जानिए क्या है मथुरा में कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी

Janmashtami 2024 : हमारे रिपोर्टर सौरभ गौतम ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा से कृष्णोत्सव की तैयारियों को लेकर बात की है. आइए जानते हैं इस बार मथुरा में जन्माष्टमी पर क्या कुछ खास होने वाला है.

Janmashtami 2024 : श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सचिव से जानिए क्या है मथुरा में कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा

Preparation of Janmashtami in Mathura : जन्माष्टमी का पर्व भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन लड्डू गोपाल के भक्त भगवान की पूजा करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिरों में उमड़ पड़ते हैं. वैदिक कालक्रम के अनुसार, इस वर्ष भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मदिन मनाया जाएगा. आपको बता दें कि भारत में जन्माष्टमी 3 जगहों पर बेजोड़ उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाती है, वे हैं मथुरा, वृंदावन और द्वारका. माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म यहीं हुआ और उन्होंने अपने बचपन के वर्ष यहीं बिताए थे. ऐसे में हमारे रिपोर्टर सौरभ गौतम ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान, मथुरा के सचिव कपिल शर्मा से कृष्णोत्सव की तैयारी को लेकर बात की. तो आइए जानते हैं इस बार मथुरा में जन्माष्टमी पर क्या कुछ खास होने वाला है. 

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: pinterest

इस साल जन्माष्टमी दो दिन क्यों? जानिए मथुरा के पंडित जी क्या बता रहे

सोमचंद्रिका पोशाक पहनेंगे बांके बिहारी

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस साल चंद्रवंशी भगवान श्री कृष्ण पीतांबर वस्त्र धारण करेंगे, जिसे ब्रज के रसिक भक्त जनों ने लगभग 6 महीने की कड़ी मेहनत से तैयार किया है. लड्डू गोपाल के वस्त्र को सिल्क और रेशम से तैयार किया गया है. साथ ही इसमें जरी काम हुआ है. इसके अलावा बांके बिहारी की पोशाक में सोमवर की वनस्पतियों को, वेलपत्र, लताओं को उकेरा गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

पद्मकांति बंगले में होंगे विराजमान

आगे उन्होंने बताया कि इस बार श्री कृष्ण का फूल बंगला अलग होगा. जिसमें भगवान पद्म कांति पुष्प बंगले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे. क्योंकि भगवान नारायण ने सर्वप्रथम कृष्ण अवतार चतुर्भुज रूप में लिया था और श्री कृष्ण के चतुर्भुज में शंख, चक्र, गदा और पद्म, ये चार पवित्र मंगलमय चिन्ह थे. ऐसे में भगवान जो कमल पुष्प को धारण करते हैं,  वो है पद्म. इसलिए पद्मकांति बंगले को तैयार करने में कमल पुष्पों का प्रयोग किया जाएगा. इसके अलावा रंग बिरंगे कपड़ों और फूलों का भी उपयोग होगा.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com