Paush Amavasya 2024: हर महीने अमावस्या पड़ती है और अमावस्या के दिन तरह-तरह के नियम और पूजा-पाठ किए जाते हैं. इसी कड़ी में साल की पहली अमावस्या आज 11 जनवरी के दिन है जिसे पौष अमावस्या भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार पौष माह में पड़ने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं. पितरों को खुश करने के लिए और पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति पाने के लिए इस अमावस्या पर स्नान, दान और तर्पण किया जाता है और पितरों के लिए दीपक भी जलाया जाता है. लेकिन, पौष अमावस्या पर आपको कब दीपक जलाना चाहिए और इसका क्या महत्व है यह जानना जरूरी है.
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इस तरह जलाएं पौष अमावस्या पर दीपक
माना जाता है कि पितृ पौष अमावस्या के दिन धरती पर आते हैं और अपने परिवार या वंशों से दान, तर्पण, भोजन, पिंडदान की उम्मीद करते हैं. इसे छोटा श्राद्ध भी कहा जाता है. कहते हैं कि पौष अमावस्या के दिन पितृ दिनभर धरती पर रहते हैं और शाम के समय पितृ वापस लौट जाते हैं. उनकी वापसी के समय अगर हम शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं तो यह बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे उनके मार्ग में अंधकार नहीं होता और वह तृप्त होकर वापस अपने लोक चले जाते हैं.
अमावस्या पर दीपक जलाने का समयपौष अमावस्या यानी कि 11 जनवरी, गुरुवार के दिन शाम 5:15 पर सूर्यास्त होगा. यह वो समय है जब आप पितरों के लिए अमावस्या (Amavasya) का दीपक जला सकते हैं. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें, इसमें देवों का वास होता है और इससे पितृ प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा पौष अमावस्या के दिन किसी गरीब या पंडित को खाना खिलाने से, दान करने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. आप पौष अमावस्या के दिन पितरों को तृप्त करने के बाद खुशी-खुशी विदा करें. कहते हैं पितरों के आशीर्वाद से जीवन खुशियों से भर जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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