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This Article is From Nov 23, 2022

panch mukhi rudraksha: पंचमुखी रुद्राक्ष कब धारण करना होता है शुभ, ज्योतिष के अनुसार जानें इसका महत्व और लाभ

panch mukhi rudraksha: ज्योतिष शास्त्र में पंचंमुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है. इसे धारण करने के खास नियम और विधि है. आइए जानते हैं पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व, धारण करने की विधि और इसके लाभ के बारे में.

panch mukhi rudraksha: पंचमुखी रुद्राक्ष कब धारण करना होता है शुभ, ज्योतिष के अनुसार जानें इसका महत्व और लाभ
panch mukhi rudraksha: सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है.

panch mukhi rudraksha: ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष को महादेव का अंश माना गया है. इसे कालाग्नि का भी रूप माना गया है जो कि स्वयं रुद्र है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के आंसुओं से हुई है. यही वजह है इसे धारण करना शुभ माना जाता है. ज्योतिष में रुद्राक्ष के कई प्रकार बताए गए हैं. उन्हीं में से एक पंचमुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksha) है. कहा जाता है पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने से पंचब्रह्म की विशेष कृपा प्राप्त होती है. पंचब्रह्म में भगवान गणेश, भगवान शिव, शक्ति (देवी) भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना कब शुभ होता है और इसका महत्व और लाभ क्या है. 

पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of panch mukhi rudraksha

- ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जो कोई विधिवत पंचमुख रुद्राक्ष धारण करता है, उसे मानसिक शांति मिलती है. अनावश्यक मन विचलित और परेशान नहीं रहता है. 

- इस रुद्राक्ष को धारण करने से आध्यात्मिक शक्ति अर्जित करने में मदद मिलती है.

- ज्योतिष के जानकार धन और समृद्धि पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह देते हैं. 

- कहा जाता है कि जो कोई पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सकता है. यानी यह कवच का काम करता है.

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- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्‍पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है. 

- पंचमुखी रुद्राक्ष शादीशुदा जीवन में सुख-शांति लाने में भी मददगार साबित होता है. 

कैसे धारण करें पंचमुखी रुद्राक्ष | How to Wear panch mukhi rudraksha

5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल से अभिषिक्त करें. इसके बाद 108 बार ऊं ह्रीं नम: मंत्र (5 mukhi rudraksha mantra) का जाप करें. माना जाता है कि इस प्रकार पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से अधिक लाभ होता है. 

पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व | Importance of panch mukhi rudraksha

पंचमुखी रुद्राक्ष की सतह पर 5 प्राकृतिक रेखाएं उभरी हुई होती हैं. जिसे रुद्राक्ष का मुख कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस रुद्राक्ष के अधिपति (देवता) भगवान कलाग्नि हैं जो भगवान शिव का ही एक रूप माने जाते हैं. यह सबसे अधिक पाया जाने वाला रुद्राक्ष है. कहा जाता है कि जो कोई इसे विधि-विधान से पहनता है और नियम इसके नियम का पालन करता है, वह बुरे कर्मों से दूर रहता है. ऐसा दैवीय शक्ति की वजह से होता है. इसके साथ ही इस रुद्राक्ष को पहनने वाला शुद्ध होता है और उसका मन शांत हो जाता है. कहा जाता है कि पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को यश, प्रसिद्धि और मानसिक शांति मिलती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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