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This Article is From Nov 22, 2022

Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष के अनुसार ऐसे करें काल सर्प दोष की पहचान, जानें इससे छुटकारा पाने के उपाय

Kaal Sarp Dosh: काल सर्प योग कुंडली के अशुभ दोषों में से एक है. कार्य सर्प दोष के प्रभावित जातकों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां जानिए काल सर्प दोष के लक्षण और उसके उपाय.

Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष के अनुसार ऐसे करें काल सर्प दोष की पहचान,  जानें इससे छुटकारा पाने के उपाय
Kaal Sarp Dosh: कुंडली में उत्पन्न काल सर्प योग बेहद अशुभ माना जाता है.

Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक व्यक्ति की कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों के योग से प्रायः कुछ ना कुछ शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता रहता है. कुंडली में स्थित शुभ योग से जहां जातक को लाभ होता है, वहीं अशुभ योग और दोष से जीवन में कुछ समय के लिए ही सही, मगर परेशानियों का सामना जरूर करना पड़ता है. ऐसे अशुभ योगों में से एक काल सर्प दोष है. इस दोष को शापित माना गया है. दरअसल ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का करना है कि काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि काल सर्प दोष के लक्षण और उपचार के बारे में.

काल सर्प दोष के लक्षण क्या हैं

ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जब कभी भी कुंडली में काल सर्प दोष उत्पन्न होता है तो इसकी अवधि में जातक को कई प्रकार के आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. काल सर्प दोष से उत्पन्न कष्टों का अंदाजा वहीं लगा सकता है जिसकी कुंडली में यह दोष हो. इसके साथ ही काल सर्प दोष से जातक को संतान संबंधी कष्टों का भी सामना करना पड़ता है. वहीं अलग जातक कम समय में बार-बार नौकरी बदलता है तो यह काल सर्प दोष का लक्षण है. इसके अलावा अलग नौकरी में स्थायित्व का अभाव रहता है तो ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के जानकार काल सर्प दोष का संकेत मानते हैं.

काल सर्प दोष निवारण

- कुंडली में ग्रह-नक्षत्र से संबंधित दोषों के निवारण के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में उपाय बताए गए हैं. जानकार बताते हैं कि इस दोष से मुक्ति पाने के लिए जातक को घर में पूजा स्थल पर मोरपंख धारण किए हुए श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर लगानी चाहिए. इसके साथ ही नियमित रूप से उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इसके अलावा भगवान की पूजा के दौरान ओम् नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए.

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- काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, त्रयोदशी, इत्यादि तिथियों पर भगवान शिव का विधिवत रुद्राभिषेक करना चाहिए. इसके साथ ही मिट्टी से सवा लाख महादेव बनाकर उनकी पूजा करने भी काल सर्प दोष का असर कम होता है. 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग देवता की पूजा करने से भी इस दोष से मुक्ति मिल सकती है. ऐसे में इसके लिए हर महीने की पंचमी तिथि को अनंत, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक की पूजा करनी चाहिए. नाग देवता की पूजा से पहले महादेव की पूजा करना जरुरी होता है. 

-काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए एक अन्य उपाय यह भी है कि जातक किसी शुभ मुहूर्त में शिवलिंग पर तांबा या चांदी से बना हुआ नाग अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भी काल सर्प दोष से राहत मिलती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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