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This Article is From Aug 01, 2023

Mangla Gauri Vrat: आज है सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत, यहां जानिए पूजा की विधि 

Mangla Gauri Vrat 2023: मंगला गौरी के व्रत में मान्यतानुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन खासतौर से महिलाएं व्रत रखती हैं. 

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Mangla Gauri Vrat: आज है सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत, यहां जानिए पूजा की विधि 
Mangla Gauri Vrat Puja: आज रखा जा रहा है मंगला गौरी का व्रत. 

Mangla Gauri Vrat 2023: सावन मास में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं. इन्हीं में से एक है मंगला गौरी का व्रत. सावन के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. विशेषकर विवाहित महिलाएं इस व्रत को रखती हैं और अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मांगती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो भी भक्त मंगला गौरी व्रत रखते हैं उनके जीवन में खुशहाली आती है, उन्हें संतान प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. 

मंगला गौरी व्रत की पूजा | Mangla Gauri Vrat Puja

मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं. व्रती महिलाएं पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करती हैं.
मां गौरी या शिव-पार्वती की प्रतिमा के समक्ष आटे का दीपक बनाकर जलाया जाता है. दीप प्रज्वलित करने के बाद धूप, फल, फूल और भोग आदि मां गौरी के समक्ष अर्पित किए जाते हैं. अंत में मां गौरी (Ma Gauri) की आरती गाई जाती है और व्रत कथा सुनकर पूजा संपन्न की जाती है. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार मां गौरी मंगला गौरी व्रत रखा करती थीं जिसके पश्चात ही उन्हें भगवान शिव (Lord Shiva) पति के रूप में मिले. अधिकतर लड़कियां सावन सोमवार के दिन अच्छे वर की आस में व्रत रखती हैं, तो वहीं महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए मंगला गौरी व्रत रखकर पूजा-आराधना करती हैं. 

मंगला गौरी आरती

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है, साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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