Kharmas: हिन्दू मान्यताओं के अनुसार खरमास को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. कुछ लोग इसे खरमास कहते हैं, कुछ अधिकमास और कुछ मलमास. खरमास के महीने को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. खरमास का महीना शुरू हो चुका है और ये 14 अप्रैल तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में रहेंगे. यह गोचर 14 मार्च से शुरू हो चुका है और 14 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
खारमास के दौरान नहीं किए जाते ये काम
कहा जाता है कि खरमास लगने के बाद से यानी शुरू होने के बाद से खत्म होने तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. यह माह सूर्यदेव का माह है जिसमें उनकी श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही, खरमास में दान करने को भी शुभ कहा जाता है. इस पूरे अंतराल में लोगों को कई कार्य न करने और उनसे परहेज करने की सलाह दी जाती है. ये कार्य निम्न हैं.
- मान्यता है कि खरमास में लहसुन और प्याज का सेवन ना करके पूरे माह शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए.
- इस दौरान मुंडन, अन्न संस्कार, पहली तीर्थ यात्रा और विवाह आदि भी करने अच्छे नहीं माने जाते.
- खरमास के दौरान नई चीजें जैसे वाहन, गहने या घर आदि ना खरीदने की सलाह दी जाती है.
- माना जाता है कि खरमास में तांबे के बर्तन में रखा हुआ दूध या पानी नहीं पीना चाहिए.
- सूर्य देव की कृपा पाने के लिए इस माह में चारपाई की जगह जमीन पर सोने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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