Kaali Haldi Ke Benefits: पीली हल्दी का इस्तेमाल आमतौर पर मसाले के रूप में किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी है. हल्दी (Turmeric) का इस्तेमाल पूजा-पाठ में भी किया जाता है. गुरुवार के व्रत व भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा के साथ-साथ कमोबेश हर शुभ कार्य में हल्दी का उपयोग होता है. बता दें कि हल्दी दो प्रकार की होती है. एक पीली हल्दी (Yellow Turmeric) और दूसरी काली हल्दी (Black Turmeric). ज्योतिष शास्त्र में दोनों ही प्रकार की हल्दियों का इस्तेमाल किया जाता है.
पीली हल्दी के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन काली हल्दी (Kaali Haldi) के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. कहते हैं कि काली हल्दी के इस्तेमाल (Turmeric Remedy) से समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लिए इससे जुड़े कुछ उपाय किए जाते हैं. काली हल्दी को बहुत प्रभावशाली माना जाता है.
मान्यता है कि काली हल्दी के कुछ उपायों की मदद से घर में सुख-संपन्नता ला सकते हैं. आइए जानते हैं काली हल्दी से जुड़े उपायों के बारे में.
काली हल्दी के उपाय | Black Turmeric Remedies
मान्यता है कि काली हल्दी के उपाय से धन में वृद्धि की जा सकती है. इसके लिए गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रख लें. अब किसी लाल रंग के कपड़े में लपेट लें. इसमें कुछ सिक्के रखें और फिर धूप-दीप दिखाकर तिजोरी या जहां आप धन रखते हैं, वहां पर रख दें. कहते हैं कि ऐसा करने से धन में वृद्धि होती है.
माना जाता है कि व्यापार हो रही हानि से बचने के लिए काली हल्दी के उपाय किए जाते हैं. इसके लिए सबसे पहले काली हल्दी को पीस लें. अब उसमें केसर के साथ-साथ पवित्र नदी का जल मिलाएं. इसके बाद कार्यस्थल की मशीनों या फिर दफ्तर में इससे स्वास्तिक का चिह्न बनाएं.
कहते हैं कि काली हल्दी के उपाय से जिस भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में गुरु और शुक्र की पीड़ा से धन में रुकावट आ रही हो, उसे दूर किया जा सकता है. मान्यता है कि इसके लिए काली हल्दी को पीसकर शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन तिलक लगाएं. माना जाता है कि इससे शनि और गुरू की पीड़ा से मुक्ति पा सकते हैं.
कहा जाता है कि फिजूलखर्ची और धन ना रूकने पर काली हल्दी का उपाय किया जाता है, जिससे ये समस्याएं काफी हद तक दूर की जा सकती हैं. इसके लिए चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर और सिंदूर मिलाकर शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन के बाद चरणों में अर्पित कर दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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