विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Mar 08, 2022

Somvar Shiv Chalisa Path: मान्यता है कि सोमवार के दिन इस विधि से दूर होते हैं कुंडली के दोष, जानिए भोलेनाथ की कृपा पाने का तरीका

सोमवार का दिन शिव पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन भगवान शिव शंकर का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है. महादेव की कृपा पाने के लिए भक्त सोमवार को उनके पूजन के समय शिव चालीसा का पाठ करते हैं. मान्यता है कि शिव चालीसा के निरंतर पाठ से कुंडली के सभी दोष भी दूर हो जाते हैं.

Read Time: 4 mins
Somvar Shiv Chalisa Path: मान्यता है कि सोमवार के दिन इस विधि से दूर होते हैं कुंडली के दोष, जानिए भोलेनाथ की कृपा पाने का तरीका
Somvar Shiv Chalisa Path: जानिए सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा में क्यों किया जाता है यह पाठ

सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव शंकर (Monday Shiv Puja) का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. इस दिन भोलेनाथ के भक्त बाबा को प्रसन्न करने के लिए पवित्र मन से व्रत (Monday Shiv fast) रखते हैं. कहते हैं कि भोलेनाथ त्रिदेवों में एक देव हैं, जिन्हें महादेव, शंकर, महेश, शिव, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधर आदि नामों से भी पुकारा जाता है.

Tuesday Hanuman Ji Puja: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के समय इन नियमों का जरूर करें पालन

महादेव की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त सोमवार को उनके पूजन के समय शिव चालीसा का पाठ करते हैं. कहते हैं पाठ के बाद आरती (Monday Shiv Aarti) और मंत्रों का पाठ अवश्य किया जाना चाहिए.

Achman Vidhi: पूजा से पहले आचमन करना क्यों है जरूरी, जानिए महत्व

5hmdbrrs

मान्यता है कि जो भी भक्त महादेव की दिल से अराधना करते हैं, उनकी हर एक मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि शिव चालीसा (Shiv Chalisa Path On Monday) के निरंतर पाठ से कुंडली के सभी दोष भी दूर हो जाते हैं.

u64npdp

॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

॥चौपाई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥4

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥8

40cd1kvo

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥12

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥16

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥20

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥24

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

8oqlo6

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥28

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥32

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥36

9cdpe0u

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥ 40

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥दोहा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर भूलकर भी ना करें ये काम, छोटी सी गलती पड़ सकती है भारी
Somvar Shiv Chalisa Path: मान्यता है कि सोमवार के दिन इस विधि से दूर होते हैं कुंडली के दोष, जानिए भोलेनाथ की कृपा पाने का तरीका
कब लग रहा है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, नोट कर लें सूतक काल का समय
Next Article
कब लग रहा है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, नोट कर लें सूतक काल का समय
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;