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शरीर की इन समस्याओं के लिए औषधि से कम नहीं काली हल्दी, जानें फायदे और इस्तेमाल का तरीका

Black Haldi Benefits: काली हल्दी एक बहुत ही खास और दुर्लभ पौधा है, जिसे आम हल्दी की तरह रोजमर्रा के मसाले के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि इसे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है.

शरीर की इन समस्याओं के लिए औषधि से कम नहीं काली हल्दी, जानें फायदे और इस्तेमाल का तरीका
Black Turmeric: काली हल्दी का वैज्ञानिक नाम कुरकुमा कैसिया है.

Kali Haldi Benefits: काली हल्दी एक बहुत ही खास और दुर्लभ.पौधा है, जिसे आम हल्दी की तरह रोजमर्रा के मसाले के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि इसे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है. इसका वैज्ञानिक नाम कुरकुमा कैसिया है. बाहर से यह साधारण हल्दी जैसी ही दिखाई देती है, लेकिन जब इसके कंद को काटते हैं तो अंदर का रंग नीले से गहरे काले रंग का होता है, जो इसे बाकी सभी हल्दी से अलग बनाता है. इसी अनोखे रंग और तेज सुगंध के कारण इसे काली हल्दी कहा जाता है. पुराने समय में लोग इसे बहुत संभालकर रखते थे और जरूरत पड़ने पर ही इसका उपयोग करते थे.

काली हल्दी के फायदे- (Kali Haldi Ke Fayde)

आयुर्वेद में काली हल्दी का उपयोग दर्द, सूजन, सांस से जुड़ी समस्याओं, अस्थमा और जोड़ों के दर्द में किया जाता रहा है. माना जाता है कि इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. गांवों में लोग इसे घरेलू दवा की तरह इस्तेमाल करते थे. फोड़े-फुंसी, कीड़े के काटने, चोट या घाव होने पर काली हल्दी को पीसकर लेप बनाया जाता था, जिससे जल्दी आराम मिलता था. सरसों के तेल के साथ इसे हल्का गर्म करके लगाने की परंपरा भी रही है.

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काली हल्दी सिर्फ दवा के रूप में ही नहीं, बल्कि पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्यों में भी खास मानी जाती है. तांत्रिक विद्या और लक्ष्मी पूजा में इसका विशेष महत्व बताया गया है. पुराने लोग मानते थे कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में सकारात्मकता लाती है. इसी कारण इसे ताबीज या पूजा की वस्तु के रूप में भी रखा जाता था. हालांकि आज के समय में इसके आध्यात्मिक उपयोग से ज्यादा इसके औषधीय गुणों पर ध्यान दिया जा रहा है.

आजकल काली हल्दी कम दिखाई देती है, क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध नहीं है और इसे उगाने में समय लगता है. आधुनिक दवाओं के आने के बाद लोग पारंपरिक जड़ी-बूटियों से भी दूर हो गए हैं. फिर भी, अब धीरे-धीरे लोग इसके महत्व को दोबारा समझने लगे हैं

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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