सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. देवी-देवताओं के पूजन के समय कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, इन्हीं में से एक है चंदन, जिसकी माला, गंध और तिलक का कई प्रकार से प्रयोग किया जाता है. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा के साथ ही मंत्र जाप का भी खास महत्व है. पूजन के समय अलग-अलग देवी-देवताओं का मंत्र जाप करते हुए अलग तरह के मनकों की माला का इस्तेमाल किया जाता है.
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शास्त्रों में माला से जप करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. मुख्यतौर पर स्वात्विक मंत्रों के जप हेतु चंदन की माला (Chandan Ki Mala ke Fayde) प्रयोग में लाई जाती है. आइए जानते हैं चंदन की माला का उपयोग और फायदे.
बता दें कि चंदन की माला दो तरह की होती है, एक श्वेत चंदन और रक्त चंदन, इन दोनों ही मालाओं का अपना एक अलग महत्व है. मान्यता है कि सफेद चंदन की माला से प्रभु श्रीराम, भगवान श्री हरि विष्णु, भगवान श्री कृष्ण, दत्तात्रेय भगवान का मंत्र जाप किया जाता है.
इसी तरह लाल चंदन की माला से भगवान गौरी गणेश, माता दुर्गा, मां लक्ष्मी, माता त्रिपुर सुंदरी के मंत्रो का जाप करना शुभ माना जाता है. कहते हैं कि शास्त्रों में चंदन की माला को सुख-शांति और संपन्नता प्रदान करने वाली बताया गया है. शास्त्रों में माला से जप करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. हिंदू धर्म में चंदन की माला से जाप करने और इसे धारण करने के कई फायदे बताए गए हैं.
मान्यता है कि गायत्री मंत्र का जाप चंदन की माला से करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. ये भी कहा जाता है कि छात्र अगर चंदन की माला धारण कर ले, तो उसे विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि सफेद चंदन की माला धारण करने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. धार्मिक मान्यता है कि अगर मन विचलित हो या फिर अशांत रहता हो तो सफेद चंदन की माला धारण की जा सकती है.
मान्यता है कि सफेद चंदन की माला से 'ॐ ऋण्मुक्तेश्वर महादेवाय नम:' मंत्र का जाप करने से धन से जुड़ी समस्याओं और आर्थिक परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है. कहा जाता है कि सफेद चंदन की माला दिन के हिसाब से धारण करना चाहिए.
आप चाहें तो बृहस्पतिवार के दिन सफेद चंदन की माला धारण कर सकते है. पहले स्नान जरूर करें. उसके बाद मंदिर में ईष्ट देव की पूजा करने के बाद माला को धारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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