जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सोमवार को संघ शासित प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) तीर्थस्थल पर फंसे बिहार के लगभग चार सौ तीर्थयात्रियों को होटलों से निकाला न जाए और उन्हें उचित सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.
मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्याय मित्र मोनिका कोहली की दलीलें सुनने के बाद यह निर्देश जारी किया.
हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा ने अपने निवास स्थान से जनहित याचिका पर सुनवाई की और कोहली समेत दो अन्य अधिवक्ताओं ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दलीलें पेश की.
कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया था.
सुनवाई के बाद 11 पेज के आदेश में न्यायाधीशों ने कोहली की दलील का संज्ञान लिया जिसमें कहा गया था कि अचानक किए गए बंद के कारण बिहार के लगभग चार सौ तीर्थयात्री कटरा में श्री माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल पर फंसे हुए हैं.
कोहली ने यह भी कहा कि इन तीर्थयात्रियों से होटल खाली करने को कहा जा रहा है इसलिए वर्तमान स्थिति को देखते हुए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.
न्यायालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और रियासी के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि इन तीर्थयात्रियों को होटलों से बाहर न निकाला जाए और जब तक बंद की स्थिति रहती है तब तक उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाए.
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