विज्ञापन
This Article is From Jun 13, 2016

खीर भवानी: रावण से नाराज देवी रगनया श्रीलंका से आ गईं कश्मीर, हनुमानजी ने किया आसन स्थानांतरित

खीर भवानी: रावण से नाराज देवी रगनया श्रीलंका से आ गईं कश्मीर, हनुमानजी ने किया आसन स्थानांतरित
श्रीनगर: उत्तर कश्मीर के गांदेरबल जिले में रविवार को सैंकड़ों कश्मीरी पंडितों ने तुल्लामुल्ला या खीर भवानी मंदिर में हिंदू देवी माता रगनया की पूजा-अर्चना की, जिनमें से अधिकांश कश्मीरी पंडित प्रवासी थे। तुल्लामुल्ला मंदिर श्रीनगर से 24 किलोमीटर दूर है।

माता खीर भवानी भी कहते हैं इन्हें...
स्थानीय लोग रगनया देवी को माता खीर भवानी कहते हैं। वार्षिक माता खीर भवानी पर्व हर साल मनाया जाता है। 1990 के दशक में अलगावादी हिंसा के चलते कश्मीर घाटी से पलायन के बावजूद पंडित समुदाय के लोगों ने तुल्लामुल्ला मंदिर में पूजा-अर्चना करने की परंपरा नहीं छोड़ी है।

हनुमानजी ने देवी का आसन किया था स्थानांतरित...
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देवी रगनया रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर उसके समक्ष प्रकट हुई थीं। रावण ने श्रीलंका में देवी की एक प्रतिमा स्थापित की थी, लेकिन रावण के जीवन के अनैतिक तरीकों से क्रुद्ध देवी ने हुनमान को उनका आसन वहां से कश्मीर स्थानांतरित करने का आदेश दिया। जिसे हनुमानजी ने मान लिया और कश्मीर में उनका उनको स्थापित कर दिया।

मुस्लिमों ने किया हिन्दू श्रद्धालुओं का सत्कार...
बच्चों, महिलाओं व पुरुषों सहित करीब 13,000 प्रवासी पंडित देवी को खीर व फूल चढ़ाने के लिए रविवार दोपहर मंदिर पहुंचे। सदियों पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए नगर में रहने वाले मुस्लिमों ने श्रद्धालुओं का सत्कार किया। कुछ मुस्लिमों ने श्रद्धालुओं को दूध की पेशकश भी की, जिसे पंडित समुदाय के लोगों ने खुशी-खुशी ले लिया।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
खीर भवानी, रावण, हनुमानजी, कश्मीरी पंडित, Khir Bhawani Temple Srinagar, Ravana, Hanuman Ji, Kashmiri Pandit