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This Article is From Jun 19, 2025

Diwali 2025 date : क्या इस साल भी दीवाली 2 दिन मनाई जाएगी? जान‍िए ज्योतिषाचार्य ने क्‍या बताया

आपको बता दें कि पिछले साल की तरह इस बार भी दीवाली की तारीख को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. ऐसे में आइए जानते हैं रुड़की हरिद्वार के ज्योतिर्विद पंडित राजेंद्र शास्त्री से आखिर साल 2025 में दीपावली की सही तिथि और पूजा मुहूर्त क्या होगा...

Diwali 2025 date : क्या इस साल भी दीवाली 2 दिन मनाई जाएगी? जान‍िए ज्योतिषाचार्य ने क्‍या बताया
दीपावली पर्व का न सिर्फ धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व भी है. 

Kab hai depawali 2025 mein : हर साल दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन सुख-समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा की जाती है. दीवाली के पर्व का महत्व इसलिए भी बहुत ज्यादा है क्योंकि इस दिन ही 14 वर्ष के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम की अयोध्या वापसी हुई थी. जिसके उपलक्ष में पूरी अयोध्या को दीयों से सजाया गया था. तब से ही इस तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि पिछले साल की तरह इस बार भी दीपावली की तारीख को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. कुछ 20 तो कुछ 21 अक्तूबर को मनाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं रुड़की हरिद्वार के ज्योतिर्विद पंडित राजेंद्र शास्त्री से कि आखिर साल 2025 में दीपावली की सही तिथि और पूजा मुहूर्त क्या होगा...

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साल 2025 में कब है दीपावली

पंडित राजेंद्र शास्त्री बताते हैं कि शास्त्रानुसार, कार्तिक अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद त्रिमुहूर्त में प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को दीपावली और महालक्ष्मी पूजन करना चाहिए. संवत 2082 में, 20 अक्टूबर 2025 को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि 15:45 बजे समाप्त हो जाएगी. अतः चतुर्दशी समाप्ति के साथ कार्तिक अमावस्या शुरू होकर अगले दिन 21 अक्टूबर मंगलवार सायं 5:55 तक व्याप्त है. प्रदोष काल में अमावस्या तिथि की व्याप्ति बहुत ही कम समय के लिए है. इसलिए दीपावली पर्व महालक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर 2025 को ही मनाना शास्त्र सम्मत होगा.

दीपावली पर्व - Deepawali sigificance

दीपावली पर्व का न सिर्फ धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व भी है. 

धार्मिक महत्व - दीपावली पर्व पर भगवान राम के अयोध्या लौटने और देवी लक्ष्मी के प्राकट्य दिवस के उत्सव का प्रतीक है.

आध्यात्मिक महत्व - यह त्यौहार अज्ञानता और नकारात्मक के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है.

सामाजिक महत्व - दीपावली खुशियों और उल्लास का त्यौहार है, जो परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाया जाता है.

वहीं, आर्थिक महत्व महत्व के नजरिए से इस दिन लोग वस्त्र, आभूषण, सोना चांदी इत्यादि खरीद करते हैं. इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है.

दीपावली पांच महापर्वों का घोतक है. यह पांच पर्व मनुष्य के जीवन में धार्मिकता के साथ-साथ काम, मोक्ष और चतुर्थ पुरुषार्थ को प्रदान करने वाला पर्व है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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