प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
जेएनयू छात्र नजीब अहमद को लापता हुए 200 से ज्यादा दिन बीतने पर अब दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोई सुराग मिलने की उम्मीद से राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मस्जिदों से नजीब के बारे में नियमित तौर पर ऐलान करने को कहा है. नजीब 14 अक्टूबर की रात को एबीवीपी सदस्यों के साथ उसके हॉस्टल में कथित तौर पर हुए झगड़े के बाद से लापता है. पुलिस ने उसके बारे में किसी भी तरह की सूचना देने के लिए 10 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा कर रखी है.
नजीब के लापता होने की जांच में अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इस मामले पर कई टीमों के काम करने के बावजूद हम कोई भी सुराग पाने में नाकाम रहे.’’ अब उन्होंने मस्जिदों से मदद मांगी है. जांच अधिकारियों ने चांदनी चौक में फतेहपुरी मस्जिद के इमाम से मुलाकात की और उनसे नमाज के दौरान नजीब के बारे में ऐलान करने का अनुरोध किया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लोगों से नजीब के बारे में कोई भी सुराग या सूचना साझा करने की अपील करने के लिए कहा. हमने दिल्ली, पड़ोसी इलाकों और उत्तर प्रदेश में बदाउं, बरेली जैसे कुछ शहरों में नियमित तौर पर ऐलान करने का आग्रह किया है.’’ पुलिस ने मस्जिदों की यात्रा करने वाली ‘‘जमातों’’ के साथ उसके लापता होने की सूचना साझा करने का भी अनुरोध किया है.
इस बीच, नजीब के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनका पुलिस से भरोसा उठ गया है. नजीब के भाई मुजीब ने कहा, ‘‘पहले दिन की तरह आज भी नजीब के बारे में हमारे पास कोई सुराग नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके भाई का पता लगाने के लिए कुछ खास नहीं किया और केवल उन्हें ‘‘प्रताड़ित’’ किया है. इन सबके बीच भी परिवार को अब भी नजीब की वापसी की उम्मीद है. जब भी उनके परिवार के सदस्यों के पास किसी अनजान नंबर से फोन आता है तो उन्हें हमेशा लगता है कि यह नजीब हो सकता है.
नजीब की मां फातिमा ने कहा, ‘‘मैं अपने बच्चों के सामने नहीं रोती क्योंकि वे भी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन जब भी मैं अल्लाह से दुआ मांगती हूं तो रोती हूं. जब भी नजीब की पसंद का खाना पकता है या उससे जुड़ी कोई और बात होती है तो मैं उसे बहुत याद करती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने मेरे बेटे की नकारात्मक छवि पेश की है. वह अच्छे स्वभाव वाला है. मुझे पूरा भरोसा है कि वह लौट आएगा.’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नजीब के लापता होने की जांच में अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इस मामले पर कई टीमों के काम करने के बावजूद हम कोई भी सुराग पाने में नाकाम रहे.’’ अब उन्होंने मस्जिदों से मदद मांगी है. जांच अधिकारियों ने चांदनी चौक में फतेहपुरी मस्जिद के इमाम से मुलाकात की और उनसे नमाज के दौरान नजीब के बारे में ऐलान करने का अनुरोध किया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लोगों से नजीब के बारे में कोई भी सुराग या सूचना साझा करने की अपील करने के लिए कहा. हमने दिल्ली, पड़ोसी इलाकों और उत्तर प्रदेश में बदाउं, बरेली जैसे कुछ शहरों में नियमित तौर पर ऐलान करने का आग्रह किया है.’’ पुलिस ने मस्जिदों की यात्रा करने वाली ‘‘जमातों’’ के साथ उसके लापता होने की सूचना साझा करने का भी अनुरोध किया है.
इस बीच, नजीब के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनका पुलिस से भरोसा उठ गया है. नजीब के भाई मुजीब ने कहा, ‘‘पहले दिन की तरह आज भी नजीब के बारे में हमारे पास कोई सुराग नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके भाई का पता लगाने के लिए कुछ खास नहीं किया और केवल उन्हें ‘‘प्रताड़ित’’ किया है. इन सबके बीच भी परिवार को अब भी नजीब की वापसी की उम्मीद है. जब भी उनके परिवार के सदस्यों के पास किसी अनजान नंबर से फोन आता है तो उन्हें हमेशा लगता है कि यह नजीब हो सकता है.
नजीब की मां फातिमा ने कहा, ‘‘मैं अपने बच्चों के सामने नहीं रोती क्योंकि वे भी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन जब भी मैं अल्लाह से दुआ मांगती हूं तो रोती हूं. जब भी नजीब की पसंद का खाना पकता है या उससे जुड़ी कोई और बात होती है तो मैं उसे बहुत याद करती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने मेरे बेटे की नकारात्मक छवि पेश की है. वह अच्छे स्वभाव वाला है. मुझे पूरा भरोसा है कि वह लौट आएगा.’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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