प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
परिवहन मंत्रालय टैक्सी परिचालकों से संबंधित विभिन्न मुद्दों के हल के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर रहा है. इनमें ऐप आधारित सेवाप्रदाताओं ओला और उबर के मौजूदा परमिट और सर्ज प्राइजिंग के मुद्दे शामिल हैं.
इस समिति का गठन दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर किया जा रहा है. अदालत ने इसके लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है जिसके बाद ऐसी इकाइयां और अन्य टैक्सी परिचालक यात्रियों से सरकार द्वारा तय दरों से अधिक नहीं ले सकेंगे.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि काले-पीले रंग वाली टैक्सियों, रेडियो टैक्सी तथा एग्रीग्रेटर्स के मौजूदा परमिट और अन्य सभी मुद्दों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की जा रही है. इस 12 सदस्यीय समिति का गठन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव संजय मित्रा की अगुवाई में किया जा रहा है.
यह समिति ऐप आधारित सेवाएं देने वाले ऑपरेटरों तथा अन्य टैक्सी सेवा प्रदाताओं के सर्ज प्राइजिंग के मुद्दे की भी समीक्षा करेगी. उबर ने उच्च न्यायालय में कहा था कि यात्रियों से दिल्ली सरकार द्वारा जून, 2013 में तय दरों से अधिक की वसूली न की जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए उसे साफ्टवेयर में बदलाव करना है जिसमें दस दिन लगेंगे. इसी के बाद अदालत ने 22 अगस्त की समयसीमा तय की है. वहीं ओला ने अदालत से कहा कि उसने यात्रियों से अधिसूचित दरों से अधिक लेना पहले ही बंद कर दिया है.
इस समिति का गठन दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर किया जा रहा है. अदालत ने इसके लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है जिसके बाद ऐसी इकाइयां और अन्य टैक्सी परिचालक यात्रियों से सरकार द्वारा तय दरों से अधिक नहीं ले सकेंगे.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि काले-पीले रंग वाली टैक्सियों, रेडियो टैक्सी तथा एग्रीग्रेटर्स के मौजूदा परमिट और अन्य सभी मुद्दों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की जा रही है. इस 12 सदस्यीय समिति का गठन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव संजय मित्रा की अगुवाई में किया जा रहा है.
यह समिति ऐप आधारित सेवाएं देने वाले ऑपरेटरों तथा अन्य टैक्सी सेवा प्रदाताओं के सर्ज प्राइजिंग के मुद्दे की भी समीक्षा करेगी. उबर ने उच्च न्यायालय में कहा था कि यात्रियों से दिल्ली सरकार द्वारा जून, 2013 में तय दरों से अधिक की वसूली न की जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए उसे साफ्टवेयर में बदलाव करना है जिसमें दस दिन लगेंगे. इसी के बाद अदालत ने 22 अगस्त की समयसीमा तय की है. वहीं ओला ने अदालत से कहा कि उसने यात्रियों से अधिसूचित दरों से अधिक लेना पहले ही बंद कर दिया है.
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