
दिल्ली में अपराध की स्थिति चिंताजनक है, जिसमें 95 खूंखार गैंग सक्रिय हैं और पिछले 10 वर्षों में 5,200 से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं. इनमें हत्या, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी, और जबरन वसूली जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस स्थिति से अवगत कराया है और फास्ट ट्रैक कोर्ट की आवश्यकता बताई है. ताकि इन मामलों की सुनवाई तेजी से हो सके. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की है
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस डी संजय ने की पीठ को बताया कि कुल 95 संगठित आपराधिक गिरोहों की पहचान की गई है, जिनमें कुल 1,109 सदस्य शामिल हैं. सभी के खिलाफ वर्तमान में ट्रायल चल रहा है. एक कथित गैंगस्टर द्वारा दायर मामले में आपराधिक गिरोहों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो मुकदमे की प्रक्रिया में देरी के कारण जमानत मांग रहा है.
ASG संजय ने कहा कि ज्यादातर मामलों में आरोपी गैंगस्टर जमानत का लाभ पाने के लिए देरी करने की रणनीति अपनाते हैं. जस्टिस कांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वे आपराधिक कानून के सर्वश्रेष्ठ पेशेवरों को शामिल कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गिरोहों के खिलाफ कुल 5,212 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, जबरन वसूली, डकैती, अपहरण जैसे गंभीर अपराध और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS), आर्म्स एक्ट, मकोका और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) सहित विशेष कानूनों के तहत अपराध शामिल हैं.
ASG ने कहा कि गिरोह के सदस्य IPS के तहत अपराधों में शामिल हैं, जिनकी सुनवाई नियमित अदालतों में होती है, साथ ही विशेष कानूनों के तहत भी, जिनकी सुनवाई नामित विशेष अदालतों में होती है. उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रायल कोर्ट पर मामलों का अत्यधिक बोझ है, जो ट्रायल पूरा होने में देरी का मुख्य कारण है.
ASG ने सुझाव दिया कि सुप्रीम कोर्ट आपराधिक गिरोहों द्वारा किए गए अपराधों की सुनवाई के लिए समर्पित न्यायालय परिसरों के निर्माण का निर्देश दे सकता है, जिससे अदालतों में सुरक्षा उपायों पर बेहतर नियंत्रण और त्वरित सुनवाई में मदद मिलेगी.
दिल्ली में सक्रिय गैंगों के सदस्यों के खिलाफ चल रहे मामलों की संख्या:
- जितेंद्र गोगी गिरोह: 153 सदस्य, 553 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- लॉरेंस बिश्नोई गिरोह: 73 सदस्य, 594 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- हासिम बाबा गिरोह: 53 सदस्य, 402 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- काला जठेड़ी गिरोह: 55 सदस्य, 344 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- टिल्लू गिरोह: 50 सदस्य, 129 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- हिमांशु भाऊ गिरोह: 46 सदस्य, 181 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- कपिल सांगवान गिरोह: 39 सदस्य, 254 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- सलमान त्यागी और सद्दाम गौरी गिरोह: 34 सदस्य, 217 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
- रोहित गोदारा गिरोह: 26 सदस्य, 96 मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं
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