 
                                            प्रतीकात्मक फोटो.
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        नोटबंदी के बाद दिल्ली के बहुत से मकान मालिकों ने किराए का पैसा चेक या फिर सीधे बैंक में लेने से मना कर दिया है.असल में यह मकान मालिक अपना आयकर और प्रापर्टी कर बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. इससे खास तौर पर वे युवा परेशान हैं जो राजधानी में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. वे एटीएम की लाइन में लगते हैं तो कोचिंग नहीं जा पाते और कोचिंग जाते हैं तो मकान मालिक को नगद राशि नहीं दे सकते.
महारूफ और रजा बागपत के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. दोनों के पिता किसान हैं. बेटों को भी किसानी न करना पड़े इसलिए बड़ी मुश्किल से पैसा जोड़कर उन्हें आईपीएस बनने के लिए तैयारी करने दिल्ली भेज दिया. कुछ दिनों से दोनों ही दोस्त काफी परेशान हैं क्योंकि महीना शुरू हुए एक हफ्ता हो गया है पर वे अब तक मकान मालिक को घर का किराया नहीं दे पाए हैं. मकान मालिक ने साफ कर दिया है कि चेक से किराया नहीं लेंगे, किराया कैश में ही चाहिए वर्ना घर खाली कर दें. दोनों अब कोचिंग का हर्जा करके रोज बैंक की कतार में लग रहे हैं ताकि किसी तरह घर का किराया दे पाएं. उन्हें डर है कि समय इतना न बर्बाद हो जाए कि परीक्षा की तैयारी ही न हो पाए.
हालत यह है कि लोग बाहर से आए विद्यार्थियों से किराए के नाम पर लाखों कमाते हैं लेकिन सरकार को टैक्स के नाम पर चवन्नी भी नहीं देना चाहते हैं. बाहर से आए बच्चे परेशान हैं कि अपना समय पढ़ने में लगाएं या फिर बैंकों की कतारों में लगकर खराब कर दें.
                                                                        
                                    
                                महारूफ और रजा बागपत के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. दोनों के पिता किसान हैं. बेटों को भी किसानी न करना पड़े इसलिए बड़ी मुश्किल से पैसा जोड़कर उन्हें आईपीएस बनने के लिए तैयारी करने दिल्ली भेज दिया. कुछ दिनों से दोनों ही दोस्त काफी परेशान हैं क्योंकि महीना शुरू हुए एक हफ्ता हो गया है पर वे अब तक मकान मालिक को घर का किराया नहीं दे पाए हैं. मकान मालिक ने साफ कर दिया है कि चेक से किराया नहीं लेंगे, किराया कैश में ही चाहिए वर्ना घर खाली कर दें. दोनों अब कोचिंग का हर्जा करके रोज बैंक की कतार में लग रहे हैं ताकि किसी तरह घर का किराया दे पाएं. उन्हें डर है कि समय इतना न बर्बाद हो जाए कि परीक्षा की तैयारी ही न हो पाए.
हालत यह है कि लोग बाहर से आए विद्यार्थियों से किराए के नाम पर लाखों कमाते हैं लेकिन सरकार को टैक्स के नाम पर चवन्नी भी नहीं देना चाहते हैं. बाहर से आए बच्चे परेशान हैं कि अपना समय पढ़ने में लगाएं या फिर बैंकों की कतारों में लगकर खराब कर दें.
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