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बम वाला प्यार... प्रेमी का शादी से इनकार, महिला इंजीनियर ने भेजे धमकी भरे ईमेल, SC का राहत से इनकार

चेन्नई की रोबोटिक्स इंजीनियर रेने जोशिल्डा पर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली समेत कई राज्यों में बम की धमकी भरे ईमेल भेजने का आरोप है.

बम वाला प्यार... प्रेमी का शादी से इनकार, महिला इंजीनियर ने भेजे धमकी भरे ईमेल, SC का राहत से इनकार
  • चेन्नई की 29 वर्षीय रोबोटिक्स इंजीनियर पर बम की धमकी वाले ईमेल कई राज्यों में भेजने का आरोप है
  • प्रेमी का शादी से इनकार करना युवती को इतना नागवार गुजरा कि उसके नाम से धमकी भरे ईमेल भेजने शुरू कर दिए
  • अलग-अलग FIR की एकसाथ सुनवाई और नई FIR पर रोक की मांग लेकर युवती SC पहुंची, पर राहत नहीं मिली
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वो गाना तो सुना होगा- प्यार में हद से गुजर जाना है... चेन्नई की एक महिला रोबोटिक्स इंजीनियर वाकई प्यार में हद से गुजर गई. एक युवक का शादी से इनकार करना इस 29 वर्षीय इंजीनियर को इतना नागवार गुजरा कि उसने उस युवक को फंसाने के लिए बम की धमकी वाले ईमेल कई राज्यों में भेज डाले. अब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया. 

क्या है पूरा मामला? 

चेन्नई की रहने वाली इंजीनियर रेने जोशिल्डा पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, बिहार, तेलंगाना, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में बम की धमकी वाले ईमेल भेजे. ये ईमेल कथित तौर पर उस युवक के नाम से भेजे गए थे, जिसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था.

फेक आईडी, डार्क वेब का इस्तेमाल 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी महिला ने अपनी पहचान छिपाने के लिए इंजीनियर दिमाग लगाया. उसने फर्जी ईमेल आईडी, VPN और डार्क वेब की भी मदद ली. उस युवक के नाम से भी कई ईमेल आईडी बनाई, जिससे वह शादी करना चाहती थी.

सुप्रीम कोर्ट में महिला ने लगाई गुहार

महिला की ये कारगुजारी ज्यादा दिनों तक छिपी नहीं रह सकी. सुरक्षा एजेंसियों की नजर आखिरकार उस तक पहुंच गई. महिला अपने खिलाफ जगह-जगह एफआईआर दर्ज होने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. ये भी गुहार लगाई कि अलग-अलग राज्यों में उसके खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनकी सुनवाई एकसाथ की जाए. 

SC ने कहा, ईमेल के सबूत पेश करें

मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच के सामने आया. सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने महिला की पैरवी की. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की मंशा सही नहीं है. महिला की गिरफ्तारी के बाद भी उसके VPN से ईमेल भेजे जा रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कामत से कहा कि वह अगली सुनवाई में ऐसे किसी ईमेल भेजे जाने का सबूत पेश करें.

नई FIR पर रोक से इनकार 

एडवोकेट कामत ने कोर्ट से गुहार लगाई कि महिला के खिलाफ आगे और एफआईआर दर्ज न किए जाने का आदेश पारित किया जाए. लेकिन बेंच ने नोटिस जारी किया, लेकिन नई एफआईआर पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया. मतलब ये कि आगे भी ऐसे आरोप सामने आए तो महिला के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज हो सकती है.

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