Crypto Hacking : 'नेक इरादों' से हुई हैकिंग? हजारों करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी लूटकर लौटाने के पीछे क्या है वजह?

एक कंपनी Poly Network को हैकरों ने मंगलवार को निशाना बनाया था. इस क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग को क्रिप्टो इतिहास की सबसे बड़ी चोरी कहा जा रहा है. लेकिन गुरुवार तक उन्होंने कुछ 342 मिलियन डॉलर्स लौटा दिए थे. इससे हैकरों के इरादों पर शक हो रहा है.

Crypto Hacking : 'नेक इरादों' से हुई हैकिंग? हजारों करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी लूटकर लौटाने के पीछे क्या है वजह?

Cyber Hacking : हैकरों ने चुराई थीं 600 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पेरिस, फ्रांस:

क्रिप्टोकरेंसी निवेशक पिछले कुछ दिनो से एक क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग (Cryptocurrency Hacking) की घटना को लेकर हैरान हैं. इस घटना में हैकरों ने 600 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 4,478 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी और फिर इसमें से कुछ अमाउंट वापस कर दिया. लेकिन सवाल ये है कि क्या हैकरों ने क्रिप्टो इकोसिस्टम में सिक्योरिटी में किसी गड़बड़ी को एक्सपोज़ करने के लिए हैकिंग करके क्रिप्टो चुराए या फिर उन्हें लगा कि वो पकड़े जाएंगे, इसलिए पैसै वापस कर दिए?

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी की ट्रांसफरिंग देखने वाली एक कंपनी Poly Network को हैकरों ने मंगलवार को निशाना बनाया था. इस क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग को क्रिप्टो इतिहास की सबसे बड़ी चोरी कहा जा रहा है. लेकिन गुरुवार तक उन्होंने कुछ 342 मिलियन डॉलर्स लौटा दिए थे. पूरा अमाउंट देखा जाए तो लौटाने वाली रकम उसके मुकाबले काफी कम है, लेकिन यह रकम इतनी जरूर है कि इससे उनके इरादों पर शक हो जाए. 

हैकरों ने अपने ट्रांजैक्शन में एक मैसेज भी दिया था कि इस हैकिंग के पीछे उनके इरादे नेक थे. हैकरों ने लिखा कि उनको लूटे गए पैसों में कोई दिलचस्पी नहीं है, बल्कि हैकिंग ही इस प्लान के साथ की गई थी कि लूटी गई क्रिप्टोकरेंसी वापस कर दी जाएंगी.

Crypto Hacking का अजीब मामला! हैकरों ने क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी की, फिर थोड़ी लौटा भी दी

क्रिप्टो हैकिंग का इतिहास और चिंताएं

बिटकॉइन और इथीरियम जैसी क्रिप्टो कॉइन्स एक तो उतार-चढ़ाव और दूसरे जेनरेशन में इलेक्ट्रिसिटी वेस्टेज को लेकर चिंता का विषय रहती हैं. हालांकि, इसके बावजूद इनकी कीमतें लगातार ऊपर ही चढ़ी हैं. दोनों की अगर मार्केट वैल्यू मिलाकर देखें तो यह 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा, ऐसे में इनका हैकरों के निशाने पर रहना जाहिर है.

अब तक ऐसी कई घटनाएं हुई हैं हैं, जब हैकरों ने सैकड़ों और हजारों करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी चुराई है. 2014 में जापान के एक एक्सचेंज Mt. Gox से साइबर चोरों ने 850,000 बिटकॉइन्स चुराई थीं. उस वक्त उनकी कीमत 470 मिलियन थी, जो आज के वक्त में 38 बिलियन डॉलर होती. इसके बाद 2018 में एक दूसरे जापानी एक्सचेंज Coincheck को निशाना बनाया गया, जिसमें 500 मिलियन डॉलर की चोरी की गई. लेकिन इन दोनों ही मामलों में क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक की वजह से इनमें से कुछ फंड्स का पता लगा लिया गया.

hacking olympics

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं, जिसमें एक सार्वजनिक बहीखाता होता है. इसपर हर ट्रांजैक्शन का हिसाब-किताब रहता है, जिसे हर कोई एक्सेस कर सकता है. 

चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक करने के एक्सपर्ट पॉवेल एलेक्ज़ेंडर ने बताया कि सामान्यतया ऐसा होता है कि 'हैकिंग के बाद चोर चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को कई भागों में बांट लेते हैं और फिर लगातार कई, कभी-कभी सैकड़ों-हजारों ट्रांजैक्शन करते हैं.' एलेक्जेंडर की कंपनी Coinfirm ऐसी ही पेचीदा ट्रांजैक्शन्स को फॉलो करने में स्पेशलाइजेशन रखती है. इससे चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को ट्रेस करने में कानूनी संस्थाओं को मदद दी जाती है.

Cryptocurrency : क्रिप्टोकरेंसी में हैकिंग, चोरी या फ्रॉड का कितना होता है डर? जानें कैसे रह सकते हैं सेफ

हैकरों के इरादों पर सवाल

क्रिप्टो मार्केट पर नजर रखने वाले कुछ लोग Poly Network को निशाना बनाने वाले हैकरों को हीरो बता रहे हैं. वहीं, कुछ का कहना है कि हैकरों ने पकड़े जाने के डर से पैसे वापस किए हैं. दरअसल, इस मामले की जांच कर रही एक और इन्वेस्टिगेटिव फर्म SlowMist ने बुधवार को कहा था कि उसने हैकरों की कुछ निजी जानकारियां, जिनमें ईमेल आईडी भी शामिल है, निकाल लिया है.

पॉवेल एलेक्जेंडर के साथ काम करने वाले रोमन बीडा ने कहा कि 'यह कहना मुश्किल है कि हैकरों के इरादे क्या थे. ऐसा हो सकता है कि वो एक्शन लिए जाने के डर से पैसे वापस कर रहे हों.' लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बहुत ऐसे हैकर्स होते हैं जो जानबूझकर किसी कंपनी को हैक कर उसकी सिक्योरिटी में कमी होने को लेकर उसे शर्मिंदा करने की कोशिश करते हैं और इससे उन्हें पब्लिसिटी मिलती है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बीडा ने कहा कि कुछ निवेशक ऐसे मामलों में यह भी मानते हैं कि ऐसे हैकर इन कंपनियों से सिक्योरिटी में कमी का पता लगाने के लिए रिवॉर्ड के तौर पर कुछ रकम रखने और बाकी रकम लौटाने को लेकर मोलभाव करते हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)