GST चुकाने से बचने वाले क्रिप्टो एक्सचेंजों से सरकार ने वसूले 95 करोड़ रुपये

सरकार ने लोकसभा में बताया कि सेंट्रल GST की यूनिट्स ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के GST नहीं चुकाने के 11 मामले पकड़े हैं

GST चुकाने से बचने वाले क्रिप्टो एक्सचेंजों से सरकार ने वसूले 95 करोड़ रुपये

इन एक्सचेंजों से सरकार ने पेनल्टी और इंटरेस्ट सहित 95.86 करोड़ रुपये वसूले हैं

खास बातें

  • इन एक्सचेंजों ने 81.54 करोड़ रुपये का GST नहीं चुकाया था
  • सरकार ने बकाया GST के साथ पेनल्टी और इंटरेस्ट भी वसूला है
  • क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले भी बढ़े हैं

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) नहीं चुकाने वाले 11 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से सरकार की ओर 95.86 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है. कुल रकम में पेनल्टी और इंटरेस्ट शामिल है. इन एक्सचेंजों में Zanmai Labs (WAZIRX), Coin DCX, CoinSwitch Kuber, Buy Ucoin, UnoCoin और Flitpay शामिल हैं. 

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सेंट्रल GST की यूनिट्स ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के GST नहीं चुकाने के 11 मामले पकड़े हैं. इनमें 81.54 करोड़ रुपये की GST की चोरी हुई थी. इन एक्सचेंजों से 95.86 करोड़ रुपये (पेनल्टी और इंटरेस्ट सहित) वसूले गए हैं. Zanmai Labs (WAZIRX) से 49.18 करोड़ रुपये, Coin DCX से 17.1 करोड़ रुपये और CoinSwitch Kuber से 16.07 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य एक्सचेंजों में  Zeb IT Services, Secure Bitcoin Traders, Giottus Technologies, Awlencan Innovations (Zebpay) और Discidium Internet Labs हैं. 

क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने के मामले भी बढ़ रहे हैं. हाल ही में सरकार ने बताया था कि एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ऐसे सात मामलों की जांच कर रहा है जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया है. इनमें अब तक लगभग 135 करोड़ रुपये की अपराध से प्राप्त रकम जब्त की गई है.कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सायबर अपराधियों के क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने की जानकारी दी है. 

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामलों की ED की ओर से जांच में पता चला है कि आरोपियों ने वर्चुअल करेंसी के जरिए अपराध से मिली रकम को खपाया था. ED ऐसे सात मामलों की जांच कर रहा है जिनमें क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है. जांच में पता चला है कि कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरंसी एकाउंट्स के जरिए अपराध की रकम को विदेश भेजा था. इनमें से एक मामले में ED ने एक आरोपी को दो वर्ष पहले गिरफ्तार किया था. इस व्यक्ति ने आरोपी विदेशी फर्मों को अपराध से मिली रकम को क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर उसे विदेश में ट्रांसफर करने में मदद की थी. इस बारे में अभियोजन की ओर से एक शिकायत PMLA स्पेशल कोर्ट में भी दाखिल की गई है. 

 


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