
- जीएसटी स्लैब की 2 दरों 5 और 18 प्रतिशत पर सीमित करने के प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर आम जनता को राहत देने की योजना
- कंपनसेशन सेस की अवधि समाप्त होने के कारण उद्योगों में ड्यूटी इनवर्जन की समस्या पर भी चर्चा
केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़े सुधारों की ओर कदम बढ़ाने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शुरू होने वाली ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में GST की दरों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव पेश कर सकती हैं. इस दो दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी स्लैब को सरल बनाने और आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी लाने का प्रस्ताव रखा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, बैठक आज और कल नई दिल्ली में होगी, जिसमें वित्त मंत्री केंद्र के प्रस्ताव को विस्तार से समझाएंगी.
5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो दरें प्रस्तावित
प्रस्ताव के तहत मौजूदा कई स्लैब को घटाकर सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% रखने की योजना केंद्र में है. इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% का विशेष दर भी प्रस्तावित है. हालांकि केंद्र सरकार इस मंत्री समूह की सदस्य नहीं है, लेकिन वित्त मंत्री की मौजूदगी से GoM को सरकार की सोच और प्रस्ताव के पीछे की मंशा को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी. बैठक में दर तर्कसंगतकरण के अलावा कंपनसेशन सेस और स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर दरों में बदलाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी. स्वास्थ्य और बीमा प्रीमियम पर दरों में राहत देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है.
हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर पेश हो सकती है रिपोर्ट
जीएसटी दरों में बड़े सुधार की प्रक्रिया के तहत, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स राहत देने का प्रस्ताव प्रमुख तौर पर शामिल है. इस संबंध में गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट बैठक में पेश की जा सकती है. वर्तमान में इन बीमा उत्पादों पर 18% जीएसटी लागू है, जिसे घटाकर आम नागरिकों, खासकर सीनियर सिटीजन और निम्न आय वर्ग के लिए ज्यादा आसान बनाने की योजना है. रिपोर्ट में बीमा प्रीमियम पर टैक्स कटौती के संभावित प्रभावों का विश्लेषण किया गया है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इससे बीमा कवरेज को बढ़ावा मिलेगा.
आम आदमी को मिलेगा क्या फायदा
यह प्रस्ताव ऐसे समय में सामने आया है जब जीएसटी कंपनसेशन सेस की अवधि समाप्त होने वाली है और कई उद्योगों में ड्यूटी इनवर्जन की समस्या बनी हुई है. केंद्र सरकार का मानना है कि इन सुधारों से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीओएम का नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की ओर से किया जाएगा. यह बैठक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाली है. जीएसटी में प्रस्तावित बदलाव ऐसे समय में आया है जब वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अन्य नीतिगत उपायों के साथ-साथ कर सुधारों को भारत की खपत वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
GST सुधार से घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा
निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जीएसटी की दरों में सुधार, इनकम टैक्स में कटौती, मौद्रिक नीति में नरमी, नौकरियों में वृद्धि और वास्तविक मजदूरी के बढ़ने से भारत में घरेलू मांग और खपत के लिए आउटलुक बेहतर हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, छोटी अवधि में वॉल्यूम बढ़ोतरी पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि उपभोक्ता नई जीएसटी व्यवस्था पर स्पष्टता आने तक अपने खर्च को टाल सकते हैं. नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद, संभावित स्थगित मांग में सुधार के साथ-साथ चीजों के सस्ते होने के कारण भी समर्थन मिलना चाहिए, क्योंकि अप्रत्यक्ष कर सीधे तौर पर अफोर्डेबिलिटी से जुड़े हैं.
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