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This Article is From Aug 12, 2022

Ethereum के इको फ्रेंडली अपग्रेड को जल्द लॉन्च करने की योजना

इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है.

Ethereum के इको फ्रेंडली अपग्रेड को जल्द लॉन्च करने की योजना
प्रोजेक्ट में इससे पहले रुकावटें आ चुकी हैं। इस अपग्रेड ने पिछले महीने पब्लिक टेस्ट नेटवर्क Sepolia पर एक ट्रायल पूरा किया था।

ब्लॉकचेन Ethereum के अपग्रेड को जल्द लॉन्च किया जा सकता है. इस अपग्रेड को 'Merge' कहा जा रहा है. Ethereum के डिवेलपर्स ने बताया कि इसे 15 सितंबर को लॉन्च किया जा सकता है. इस अपग्रेड के लिए टोटल टर्मिनल डिफिकल्टी (TTD) के एक तय स्तर पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. TTD इस ब्लॉकचेन पर फाइनल ब्लॉक के तैयार होने के लिए जरूरी कुल मुश्किल है. 

इस सप्ताह की शुरुआत में Goerli टेस्ट नेटवर्क पर Merge टेस्टिंग के अंतिम दौर में पहुंचा था. इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. इस प्रोजेक्ट में इससे पहले रुकावटें आ चुकी हैं. इस अपग्रेड ने पिछले महीने पब्लिक टेस्ट नेटवर्क Sepolia पर एक ट्रायल पूरा किया था. Sepolia टेस्टनेट की अगले कुछ दिनों तक निगरानी की जाएगी. Ethereum के डिवेलपर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि Merge के लिए Sepolia तीन पब्लिक टेस्टनेट्स में से दूसरा है. अपग्रेड में देरी का असर Ether के प्राइस पर भी पड़ रहा है. वैल्यू के लिहाज से इस दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस पिछले कुछ महीनों में काफी घटा है.

अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है. Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है. एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है. यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा. इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है. 

क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी. इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था. कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का भारी विरोध हो रहा है. ईरान ने कुछ महीने पहले  इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आने पर क्रिप्टो माइनिंग पर अस्थायी रोक लगाई थी.

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