ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले 24 घंटों में 5.83 फीसदी बढ़ गया है.
खास बातें
- मुनाफा देखने के बाद भी बिटकॉइन 20 हजार डॉलर से थोड़ा ऊपर है
- अपने अब तक के हाई मार्क से बहुत नीचे चल रही है बिटकॉइन
- ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप भी ट्रिलियन से बिलियन डॉलर पर आया
क्रिप्टोकरेंसी के मामले में जून का महीना बुरा साबित हुआ. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी साल 2011 के बाद से अपनी सबसे खराब मंथली परफॉर्मेंस रिकॉर्ड करते हुए 37 फीसदी से ज्यादा गिर गई. तब से बिटकॉइन लगभग 20,000 डॉलर (लगभग 15.8 लाख रुपये) के लेवल पर ही है. मौजूदा कीमतों की बात करें, तो ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन 20,300 डॉलर (लगभग 16.05 लाख रुपये) के आसपास है, जबकि इंडियन एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर इसका मूल्य 20,892 डॉलर (लगभग 16.5 लाख रुपये) है. बीते 24 घंटों में यह 5 फीसदी बढ़ा है. CoinMarketCap, Coinbase और Binance जैसे ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमत 20,304 डॉलर (लगभग 16.05 लाख रुपये) पर बनी हुई है.
दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसीईथर (Ether) की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. खबर लिखे जाने तक कॉइनस्विच कुबेर पर ईथर का मूल्य 1,188 डॉलर (लगभग 94,000 रुपये) है, जबकि ग्लोबल एक्सचेंजों पर इस क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य 1,163 डॉलर (लगभग 92,003 रुपये) है. बीते 24 घंटों में इस क्रिप्टोकरेंसी ने 10.34 फीसदी का उछाल देखा है.
गैजेट्स 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि बीते दिनों कई प्रमुख altcoins ने फायदा देखा. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले 24 घंटों में 5.83 फीसदी बढ़ गया है. बीएनबी, सोलाना, पोलकाडॉट, स्टेलर, एवलांच और कार्डानो ने फायदा देखा है, जबकि पॉलीगॉन, यूनिस्वैप और कॉसमॉस डबल डिजिट मुनाफे के साथ चार्ट में सबसे ऊपर रहे.
मीम कॉइंस के तौर पर पॉपुलर Shiba Inu और Dogecoin में भी कुछ उतार-चढ़ाव देखे गए हैं. पिछले 24 घंटों में लगभग 2.73 फीसदी की बढ़त के बाद डॉजकॉइन का मूल्य वर्तमान में 0.07 डॉलर (लगभग 5.6 रुपये) है, जबकि शीबा इनु का मूल्य 0.000011 डॉलर (लगभग 0.000865 रुपये) है. यह पिछले दिन की तुलना में 4.98 प्रतिशत अधिक है.
इस बीच, क्रिप्टो लेंडिंग और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Vauld ने मार्केट में भारी गिरावट के बीच कस्टमर्स की ट्रांजैक्शंस रोक दी हैं. स्टेबलकॉइन TerraUSD के धराशायी होने के कारण शुरू हुई बिकवाली में 12 जून के बाद से सिंगापुर की इस फर्म से कस्टमर्स ने लगभग 19.8 करोड़ डॉलर का विड्रॉल किया है. Vauld को कई कारणों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें मार्केट की वोलैटिलिटी और बिजनेस पार्टनर्स की वित्तीय मुश्किलें शामिल हैं. भारत में अपनी बड़ी टीम रखने वाली फर्म ने बताया कि वह रिस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर भी विचार कर रही है.