दिल्ली और मुंबई पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में मलाड निवासी की एक कार से 9.4 लाख रुपये के सिक्के जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. आरोपी व्यक्ति की पहचान जिग्नेश गाला के रूप में हुई है और उसे सिक्के बांटने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, जिन सिक्कों के नकली होने का संदेह है, सरकारी मिंट उनकी जांच करेगी कि वे असली है या नहीं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल नकली मुद्रा के एक मामले की जांच कर रहा थी और 5 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस को सुराग मिला कि उनके मामले से जुड़ा एक व्यक्ति मलाड में है. दिल्ली और मुंबई पुलिस ने 1 फरवरी को सहायता के लिए डिंडोशी पुलिस से संपर्क किया. वरिष्ठ अधिकारियों की हरी झंडी के बाद पुलिस को पता चला है कि गाला एक कमीशन के लिए काम करता है.
पुलिस ने कहा, "पूछताछ के दौरान, आरोपी जिग्नेश गाला ने खुलासा किया कि वह पिछले 7-8 वर्षों से भारतीय मुद्रा के सिक्कों की खरीद और आपूर्ति में शामिल था. शुरुआत में, वह सूरत में बैंकों, स्थानीय व्यापारियों और पुराने व्यापारियों से मुद्रा सिक्के एकत्र करता था. हालांकि, सेक्टर में काम करने के दौरान, उसने अज्ञात व्यक्तियों से भी FICCs एकत्र करना शुरू कर दिया और इसी दौरान वो मास्टरमाइंड नरेश कुमार से मिला, जिसने उसे FICCs की नियमित आपूर्ति की पेशकश की,"
पुलिस ने आगे कहा कि नरेश कुमार विभिन्न यात्री बसों में जयपुर से मुंबई तक भारतीय मुद्रा के सिक्कों की खेप पहुंचाता था. "बाद में, उन्होंने ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से भी ऐसी खेप भेजना शुरू कर दिया. इस तरह की हर खेप में 8-10 लाख रुपये मूल्य के FICC होते थे. लगभग 2 वर्षों की अवधि में, उन्होंने लगभग 15-16 ऐसी खेप प्राप्त की और उन्हें खुले में सर्कुलेट किया. हिरासत के बाद आरोपी को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया.
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