सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) से उन लोगों की सूची मांगी, जिन्होंने उसके लिए जेल अधिकारियों को 12.5 करोड़ रुपये दिए थे. कोर्ट ने सुकेश से उन जेल अफसरों की लिस्ट भी मांगी है, जिन्हें ये रुपये दिए गए थे. इसके लिए कोर्ट ने दस दिन का समय दिया है. इस मामले में जस्टिस यू यू ललित ने कहा कि हम मामले की जड़ तक जाएंगे. सुकेश जेल से ही क्राइम सिंडिकेट चलाता रहा. 12.5 करोड़ रुपये उसने बतौर घूस दिए या फिर जेल में सुकेश चंद्रशेखर से अवैध वसूली हो रही थी यह पता तलागा जरूरी है. कोर्ट इस मामले में 26 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल के जेलर को सुकेश की सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि ठगी के इस गोरखधंधे में जेल स्टाफ सुकेश के पे रोल पर काम करता रहा और जांच एजेंसी को इस रैकेट का पता चलाने में दो साल से ज्यादा लग गये. कोर्ट में सुकेश के वकील ने कहा कि उल्टे उसके मुवक्किल सुकेश से ही 12.5 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूल लिए गये.
कोर्ट ने सीधा सवाल किया कि तुम तो पत्नी सहित जेल में थे. ऐसे में किसने और कैसे तुमसे इतनी बड़ी रकम ठग ली? इसके जवाब में सुकेश के वकील ने कहा कि मुलाकात के समय जो लोग आते थे, उनके जरिए पैसे भिजवाये जाते थे. कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित ने पूछा तो आप मुलाकात के बहाने अपना आपराधिक सिंडिकेट चला रहे थे? कोर्ट ने सुकेश के वकील से कहा कि जिन लोगों के जरिए डील की गई और करोड़ों रुपए के पेमेंट दिए गए उनके नाम कोर्ट को बताए.
तिहाड़ से दूसरे जेल में शिफ्ट करने के मामले में हुई सुनवाई
महाठग सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की याचिका पर सुनवाई हुई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में कोर्ट के पहले के आदेश पर विचार करेगा, जिसमें कोर्ट ने सरकार से उन जेलों की सूची देने को कहा था, जिसमें इन दोनों को स्थानांतरित किया जा सकता है.
ईडी ने सुकेश को दूसरी जेल में शिफ्ट करने का किया विरोध
ईडी ने सुकेश और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से किसी और जेल में ट्रांसफर करने का विरोध किया है. ईडी ने कहा कि वो तिहाड़ से वसूली के लिए दफ्तर चला रहा था. अब सबकुछ बंद होने पर वो ये रैकेट दूसरी जेल से शुरू करना चाहता है. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुकेश चंद्रशेखर को "मास्टर ठग" बताया है. ईडी ने कहा कि उसने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों सहित सार्वजनिक अधिकारी बनकर ठगी की है. सुकेश तिहाड़ जेल में एक सिंडिकेट चलाता था और दूसरी जेल में ट्रांसफर हुआ तो वहीं से अपराध करना शुरू कर देगा.
हालांकि कोर्ट ने सरकार की इस दलील को रिकॉर्ड पर लिया, जिसमें कहा गया है कि उनको तिहाड़ से किसी अन्य जेल स्थानांरित करना सही नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने सरकार की तरफ से उन्हें दिल्ली की मंडौली जेल में भेजने की सहमति को रिकार्ड पर लिया है. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ जेल से सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों को एक वरिष्ठ जज बनकर सुकेश चंद्रशेखर के पक्ष में फैसला देने लिए फोन भी किया था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह फोन सुकेश चंद्रशेखर ने किया था या उसके नाम पर किसी और ने किया था.
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