
- इंटरपोल ने अफ्रीकी देशों में ऑपरेशन कंटेंडर 3.0 के तहत 14 देशों में 260 को गिरफ्तार किया
- इस ऑपरेशन में सोशल मीडिया पर रोमांस स्कैम और सेक्सटॉर्शन क्राइम पर फोकस
- ऑपरेशन में 1,235 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए और 1,463 पीड़ितों की पहचान
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए इंटरपोल ने अफ्रीकी देशों में एक बड़ा साइबर ऑपरेशन चलाया है, जिसने इंटरनेशनल साइबर अपराधियों की कमर तोड़ दी है. ऑपरेशन कंटेंडर 3.0 के जरिए 28 जुलाई से 11 अगस्त 2025 के बीच 14 अफ्रीकी देशों की पुलिस ने मिलकर 260 संदिग्धों को गिरफ्तार किया. साथ ही 1,235 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए. ये वही देश हैं जहां से बैठे-बैठे साइबर ठग भारत समेत कई देशों के लोगों को अपना निशाना बनाते थे.
कैसे करते थे ठगी
इस ऑपरेशन का फोकस खासतौर पर रोमांस स्कैम और सेक्सटॉर्शन जैसे अपराधों पर था, जिनमें सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाया जाता है. जहां रोमांस स्कैम में आरोपी नकली प्रोफाइल और चोरी की तस्वीरों से ऑनलाइन रिश्ते बनाते, फिर कस्टम या कूरियर चार्ज जैसी झूठी कहानियां सुनाकर पैसे ऐंठते थे. वहीं सेक्सटॉर्शन में आरोपी चैट या वीडियो कॉल से गुपचुप तरीके से अंतरंग वीडियो रिकॉर्ड कर लेते और बाद में उन्हें वायरल करने की धमकी देकर पैसे मांगते थे.
ऑपरेशन की बड़ी कामयाबी
- घाना: 68 आरोपी गिरफ्तार, 835 डिवाइस जब्त, 108 पीड़ितों की पहचान. करीब 4.5 लाख डॉलर का नुकसान, जिसमें से 70 हजार डॉलर बरामद हुए.
- सेनेगल: 22 आरोपी गिरफ्तार, सेलिब्रिटी बनकर 120 लोगों से 34 हजार डॉलर की ठगी
- कोटे डी आइवर: 24 आरोपी पकड़े गए, 29 डिवाइस जब्त, 809 पीड़ितों की पहचान. निजी तस्वीरें और वीडियो लेकर ब्लैकमेल किया जाता था.
- अंगोला: 8 आरोपी गिरफ्तार, 28 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पीड़ित सामने आए. नकली दस्तावेज़ों और पहचान का इस्तेमाल किया गया.
अब तक की जांच में 1,463 पीड़ितों की पहचान हुई है, जिन्हें कुल मिलाकर करीब 2.8 मिलियन डॉलर (लगभग 23 करोड़ रुपये) का चूना लगाया गया.
इंटरपोल का बयान
इंटरपोल के पुलिस सर्विसेज़ के एक्टिंग एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर सिरिल गाउट ने कहा कि अफ्रीका में और वहां से साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर सेक्सटॉर्शन और रोमांस स्कैम के जरिए. इससे लोगों को सिर्फ पैसों का ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी भारी नुकसान होता है. ऐसे में इंटरपोल अपने सदस्य देशों और प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर इन गैंग्स को खत्म करने के लिए लगातार काम करता रहेगा.”
यह ऑपरेशन यूके सरकार के सपोर्ट से African Joint Operation Against Cybercrime Project के तहत चलाया गया. इसमें इंटरपोल ने प्राइवेट कंपनियों Group-IB और Trend Micro के साथ मिलकर डेटा शेयरिंग और तकनीकी मदद से कार्रवाई को और मजबूत बनाया.
कौन-कौन से देश शामिल
अंगोला, बेनिन, बुर्किना फासो, कोटे डी आइवर, गाम्बिया, घाना, गिनी, केन्या, नाइजीरिया, रवांडा, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा और जाम्बिया.
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