क्या बिहार में क्रिकेट को चमका पाएंगे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव?

क्या बिहार में क्रिकेट को चमका पाएंगे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव?

मंत्री पद की शपथ लेते तेजस्वी यादव

तेज तर्रार और अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी ने शुक्रवार को अपने पहले प्यार क्रिकेट से परे नई पारी की शुरुआत कर दी। उन्होंने बिहार की नवनिर्वाचित सरकार के मंत्री के रूप में पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार के तुरंत बाद शपथ ली। वे बिहार के नए उप-मुख्‍यमंत्री होंगे। एक क्रिकेटर होने के नाते अब राज्य के क्रिकेटरों को उनसे कुछ अच्छा करने की उम्मीद होगी।

क्रिकेटर बनना था सपना
वास्तव में राजनीति में कदम रखने से पहले तेजस्वी यादव का सपना एक सफल क्रिकेटर बनने का था, जिसकी शुरुआत उन्होंने साल 2009 में झारखंड की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करके की थी, लेकिन आगे चलकर वे कुछ खास नहीं कर सके और राजनीति की ओर रुख कर लिया।

पटना के मशहूर लालू-राबड़ी परिवार में जन्मे नौ बड़े भाई-बहनों में सबसे छोटे तेजस्वी अपने क्रिकेट करियर के प्रति काफी संजीदा थे। उन्होंने अपना लुक भी कुछ ऐसा ही रखा था। अपने लंबे बालों, थोड़ी बढ़ी हुई दाढ़ी और दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड के बैकग्राउंड के कारण वे अपनी उम्र के बच्चों के बीच अलग ही नजर आते थे। उन्होंने कक्षा 9 में स्कूल से नाता तोड़ लिया।  

4 साल रहे दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में
तेजस्वी चार सत्रों तक दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के रोस्टर में रहे। वे स्पिन के साथा-साथ सीम बॉलिंग भी कर सकते थे और निचले क्रम में बैटिंग भी कर सकते थे, इस प्रकार वे एक ऑलराउंडर रहे, लेकिन वे दिल्ली की आईपीएल टीम के प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके।

इस पर हमेशा विनोदपूर्ण अंदाज में रहने वाले उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कहा था, 'कम से कम उसे खिलाड़ियों को पानी पिलाने का मौका ही मिल जाता।'

तेजस्वी सच्चे टीममैन थे। भले ही वे आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिलने पर निराश थे, लेकिन उन्हें टीम कंपोजिशन और टीम के तालमेल का महत्व पता था। अब तेजस्वी का यह क्रिकेटीय अनुभव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गठबंधन वाली कैबिनेट में उन्हें सही भूमिका निभाने में मदद करेगा।

क्रिकेट में नहीं मिली सफलता
मात्र एक प्रथम श्रेणी गेम, दो ए-श्रेणी मैच और 4 टी-20 मैचों का अनुभव रखने वाले तेजस्वी का क्रिकेट करियर वास्तव में कभी भी परवान नहीं चढ़ा। बैटिंग में उनका सर्वोच्च स्कोर 19 रन रहा, वहीं बॉलिंग में उनके नाम 10 ओवर में 1 विकेट रहा। ये आंकड़े उनके करियर की कहानी सहज ही बयां कर देते हैं।   

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

क्या बिहार क्रिकेट को सम्मान दिला पाएंगे
देखना यह होगा कि भले ही उनका क्रिकेट का सपना अधूरा रह गया, लेकिन क्या अब वे बिहार क्रिकेट की हालत सुधार पाएंगे? वह भी तब जब राजनीति का शिकार होकर राज्य क्रिकेट प्रशासन बंटा हुआ है और बीसीसीआई ने भी उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि बिहार के क्रिकेटरों ने पिछले 14 सालों से एक भी रणजी मैच नहीं खेला है। ऐसे में अब तेजस्वी पर निगाहें रहेंगी!