शिखर धवन और रोहित शर्मा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के लिए हाल ही में ओपनर रोहित शर्मा और शिखर धवन ने कई बार शानदार ओपनिंग पार्टनरशिप की है। रोहित शर्मा ने शिखर के साथ अपनी जोड़ी पर चर्चा करते हुए एक अनूठी ख्वाहिश जताई है। उनकी जोड़ी की तुलना सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की महान सलामी जोड़ी से किए जाने पर उन्होंने कहा कि उनके लिए इनकी बराबरी करना एक बड़े सपने के पूरा होने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि यह तुलना शानदार है, लेकिन सचिन-सौरव के मुकाम तक पहुंचने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है।
रोहित ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘भारत की सबसे सफल सलामी जोड़ी (गांगुली-तेंदुलकर) से तुलना किए जाने पर काफी संतोष मिलता है। यदि मैं और शिखर वैसी सफलता हासिल कर सके तो बेहतरीन होगा।’’
ज्यादा से ज्यादा मैच जीतना चाहते हैं
रोहित ने कहा, ‘‘हम अभी वहां तक पहुंचे नहीं हैं, लेकिन हम दोनों दर्शकों का मनोरंजन करके भारत के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच जीतना चाहेंगे।’’ गौरतलब है कि दोनों ने ऑस्ट्रेलिया में बेहतरीन प्रदर्शन किया। रोहित को वनडे सीरीज में 1-4 से हार के बावजूद 'मैन आफ द सीरीज' चुना गया।
रोहित ने कहा, ‘‘यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है। मैं हमेशा खुद से यही कहता हूं कि मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है। मैंने वनडे सीरीज में 441 रन बनाए। अगली बड़ी सीरीज में मेरा लक्ष्य इससे ज्यादा रन बनाने का होगा। यदि मैं अपनी पिछली उपलब्धियों से खुश होने लगूं, तो कभी नए मुकाम हासिल नहीं कर सकूंगा।’’
2007-08 की सीबी सीरीज से तुलना ठीक नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि इस जीत की तुलना 2007-08 में सीबी सीरीज में मिली जीत से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘‘वह सीरीज अलग थी। मैं 20 साल का था और नए कप्तान (धोनी) सामंजस्य बिठा रहे थे। उनके पास ब्रेट ली, नैथन ब्रैकन और युवा मिशेल जानसन थे, जबकि बल्लेबाजी में हेडन, गिलक्रिस्ट, पॉन्टिंग और क्लार्क थे।’’
क्रिकेट पंडित तकनीक के बारे में काफी बातें करते हैं, लेकिन रोहित का मानना है कि वह इस पर सीरीज के दौरान फोकस नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी तैयारी का हिस्सा है। जब सीरीज चल रही होती है, तो मैचों के बीच तीन दिन का अंतर होता है, मैं तकनीक से छेड़छाड़ नहीं करता। मैं कुछ नया नहीं आजमाता। सीरीज खत्म होने के बाद ही मैं वीडियो देखकर विश्लेषण करता हूं।’’ भारतीय बल्लेबाजी क्रम का अभिन्न अंग बने रोहित ने स्वीकार किया कि वह मानसिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में हैं ।
मुझे अपनी भूमिका पता है
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अच्छी स्थिति में हूं। मेरे पास आठ साल का अनुभव है और मुझे पता है कि टीम में मेरी क्या भूमिका है। मैंने, कोहली, पुजारा, रहाणे और शिखर ने एक-दूसरे के साथ और घरेलू स्तर पर एक-दूसरे के खिलाफ काफी क्रिकेट खेली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता था कि तेंदुलकर, गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास के बाद हमारी बारी है। हम अपने कैरियर के बीच में है और एक-दूसरे की कामयाबी का मजा लेते हैं। हम राष्ट्रीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा सफलता हासिल करने की कोशिश करेंगे।’’
रोहित ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘भारत की सबसे सफल सलामी जोड़ी (गांगुली-तेंदुलकर) से तुलना किए जाने पर काफी संतोष मिलता है। यदि मैं और शिखर वैसी सफलता हासिल कर सके तो बेहतरीन होगा।’’
ज्यादा से ज्यादा मैच जीतना चाहते हैं
रोहित ने कहा, ‘‘हम अभी वहां तक पहुंचे नहीं हैं, लेकिन हम दोनों दर्शकों का मनोरंजन करके भारत के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच जीतना चाहेंगे।’’ गौरतलब है कि दोनों ने ऑस्ट्रेलिया में बेहतरीन प्रदर्शन किया। रोहित को वनडे सीरीज में 1-4 से हार के बावजूद 'मैन आफ द सीरीज' चुना गया।
रोहित ने कहा, ‘‘यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है। मैं हमेशा खुद से यही कहता हूं कि मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है। मैंने वनडे सीरीज में 441 रन बनाए। अगली बड़ी सीरीज में मेरा लक्ष्य इससे ज्यादा रन बनाने का होगा। यदि मैं अपनी पिछली उपलब्धियों से खुश होने लगूं, तो कभी नए मुकाम हासिल नहीं कर सकूंगा।’’
2007-08 की सीबी सीरीज से तुलना ठीक नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि इस जीत की तुलना 2007-08 में सीबी सीरीज में मिली जीत से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘‘वह सीरीज अलग थी। मैं 20 साल का था और नए कप्तान (धोनी) सामंजस्य बिठा रहे थे। उनके पास ब्रेट ली, नैथन ब्रैकन और युवा मिशेल जानसन थे, जबकि बल्लेबाजी में हेडन, गिलक्रिस्ट, पॉन्टिंग और क्लार्क थे।’’
क्रिकेट पंडित तकनीक के बारे में काफी बातें करते हैं, लेकिन रोहित का मानना है कि वह इस पर सीरीज के दौरान फोकस नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी तैयारी का हिस्सा है। जब सीरीज चल रही होती है, तो मैचों के बीच तीन दिन का अंतर होता है, मैं तकनीक से छेड़छाड़ नहीं करता। मैं कुछ नया नहीं आजमाता। सीरीज खत्म होने के बाद ही मैं वीडियो देखकर विश्लेषण करता हूं।’’ भारतीय बल्लेबाजी क्रम का अभिन्न अंग बने रोहित ने स्वीकार किया कि वह मानसिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में हैं ।
मुझे अपनी भूमिका पता है
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अच्छी स्थिति में हूं। मेरे पास आठ साल का अनुभव है और मुझे पता है कि टीम में मेरी क्या भूमिका है। मैंने, कोहली, पुजारा, रहाणे और शिखर ने एक-दूसरे के साथ और घरेलू स्तर पर एक-दूसरे के खिलाफ काफी क्रिकेट खेली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता था कि तेंदुलकर, गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास के बाद हमारी बारी है। हम अपने कैरियर के बीच में है और एक-दूसरे की कामयाबी का मजा लेते हैं। हम राष्ट्रीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा सफलता हासिल करने की कोशिश करेंगे।’’
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