रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) टूर्नामेंट के लिए पहली बार मध्यप्रदेश के कप्तान बनाए गए आदित्य श्रीवास्तव की आंखों में टीम को पहला रणजी खिताब दिलाने का सपना है. उनका कहना है कि उनकी टीम खिताब जीतने के सामूहिक लक्ष्य के साथ इस प्रतिष्ठित घरेलू स्पर्धा में पूरा जोर लगाएगी. श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को ‘‘पीटीआई-भाषा'' से कहा,‘‘मैंने 2015 से मध्यप्रदेश के लिए खेलना शुरू किया था. तब से मेरे मन में यही अरमान है कि हम राज्य को उसका पहला रणजी खिताब दिलाएं. मेरे साथी खिलाड़ी भी यही सामूहिक लक्ष्य हासिल करने के इरादे से मैदान पर उतरेंगे.' 28 साल के श्रीवास्तव दायें हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और मध्यप्रदेश के लिए 26 प्रथम श्रेणी मैच खेलकर 1,588 रन जड़ चुके हैं जिनमें पांच अर्धशतक तथा छह शतक शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि अनुभवी कोच चंद्रकांत पंडित के मार्गदर्शन में उनकी टीम रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के लिए एकदम तैयार है और टीम का हर सदस्य जीत के लिए स्पर्धा में अपनी बेहतरीन भूमिका निभाने को बेताब है. श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी टीम इस स्पर्धा के तीनों लीग मैचों को “नॉक आउट” मुकाबले मानकर मैदान पर उतरेगी और दबाव के पलों में बिखरने के बजाय निखरने की पूरी कोशिश करेगी. मध्यप्रदेश के दो प्रतिभावान क्रिकेटर-आवेश खान और वेंकटेश अय्यर वेस्टइंडीज के जारी भारत दौरे के लिए चुनी गई भारतीय टीम में शामिल होने के कारण राज्य की मौजूदा रणजी टीम में नहीं हैं.
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यह पूछे जाने पर कि क्या मध्यप्रदेश को रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में दोनों क्रिकेटरों की कमी खलेगी, कप्तान श्रीवास्तव ने कहा,‘‘दोनों खिलाड़ी हमारे लिए बेहद उपयोगी रहे हैं. हालांकि, टीम में उनके मजबूत विकल्प मौजूद हैं.' उन्होंने संभावना जताई कि मध्यप्रदेश का पहला रणजी मुकाबला निपटने के बाद खान और अय्यर राज्य की टीम में वापसी कर सकते हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश और गुजरात के बीच यह रणजी मैच 17 से 20 फरवरी के बीच खेला जाना है और वेस्टइंडीज का भारत दौरा भी 20 फरवरी को ही खत्म हो रहा है.
रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश का दूसरा मुकाबला 24 से 27 फरवरी के बीच मेघालय से होगा, जबकि तीन से छह मार्च के बीच मध्यप्रदेश और केरल की टीमें आमने-सामने होंगी। तीनों मैच राजकोट में खेले जाएंगे.
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गौरतलब है कि इंदौर की तत्कालीन होलकर टीम ने 1940-41 से 1954-55 के बीच चार बार रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट जीता था. लेकिन भारतीय राज्य के रूप में एक नवंबर 1956 को वजूद में आने के बाद मध्यप्रदेश, रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट का खिताब एक बार भी नहीं जीत सका है. वर्ष 1998-1999 के रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में कर्नाटक से हारकर मध्यप्रदेश इस प्रतियोगिता का उपविजेता रहा था. यह इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)